बिलासपुर। आदिवासी की भूमि पर भू-माफियाओं का अवैध कब्जों का मामला दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला बिलासपुर के समीप ग्राम बिरकोना का है, जहां आदिवासी जमीन को भू-माफियाओं द्वारा कानून कायदों को ताक पर रखकर टुकड़ों टुकड़े कर बेचा जा रहा है। जिस पर रोक लगाने में शासन प्रशासन भी नाकाम साबित हो रहा है।

आदिवासियों की भूमि को संरक्षित करने के लिए कड़े नियम कानून बनाए गए हैं, जिसमें गैर-आदिवासी किसी भी स्थिति में आदिवासी भूमि की खरीद-फरोख्त नहीं कर सकते। संविधान और राज्य कानूनों के तहत आदिवासियों की भूमि सुरक्षित है, लेकिन न्यायधानी में भू-माफिया कानून कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए इन जमीनों की खरीद फरोख्त कर रहे हैं पूरे मामले में गौर करने वाली बात यह है की जमीन खरीदने वाले अधिकांश लोग शासकीय सेवा से जुड़े हुए हैं जो अपने परिवार के सदस्यों के नाम जमीन की खरीदी कर रहे हैं। इस प्रकार, यह एक प्रकार का ‘बेनामी’ भूमि व्यापार बन गया है, जो कानूनी और नैतिक दृष्टि से गलत है।
क्या है मामला..
ग्राम बिरकोना में खसरा नंबर 1259, 1200/1 और 240/2 जैसे आदिवासी भूमि प्लॉट्स है आश्चर्यजनक बात यह है कि 1260 नंबर की सरकारी जमीन को भी इन सौदों में शामिल कर बेच दिया गया है। ऐसे मामलों से स्पष्ट होता है कि किस प्रकार सरकारी दस्तावेजों और अनुमतियों की परवाह किए बिना भू-माफिया ने अपने अवैध कामकाज का जाल फैला रखा है।
सूत्रों के अनुसार, विक्रेता हर माह 8 से 10 प्लॉट्स बेच रहा है, फिर भी प्रशासन ने अब तक इस पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया है। इन बेनामी सौदों के चलते भू-माफिया को लगातार लाभ हो रहा है, और वे खुलेआम कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है, जब इस अवैध गतिविधि में सरकारी कर्मचारी खुद शामिल होते हैं, जो आमतौर पर नियमों और कानूनों के पालन का उदाहरण पेश करने वाले माने जाते हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि इस अवैध कारोबार पर प्रशासन क्यों मौन है? आदिवासी भूमि की सुरक्षा के लिए बने कानूनों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है और प्रशासनिक तंत्र इन पर कार्रवाई करने में असफल साबित होता दिखाई दे रहा है। इस मामले को लेकर स्थानीय जनता निवासी स्वय को असहाय महसूस कर रहे हैं।
दर्ज भूखंड की जानकारी, रकबा, और रजिस्ट्री संख्या से यह स्पष्ट है कि पूरा अवैध प्लाटिंग का मामला है। अब प्रशासन को इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है और ऐसे मामलों में सरकार की सख्त कार्यवाही अपेक्षित है।

