बिलासपुर । त्योहारों के दौरान अपनी ड्यूटी में व्यस्त रहने वाली बिलासपुर यातायात पुलिस ने इस बार चेतना अभियान के तहत एक अनोखी पहल करते हुए दीपावली का पर्व मनाया। यातायात पुलिस ने नागरिक संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर वृद्धाश्रम और शेल्टर होम में जाकर निवास कर रहे बुजुर्गों और बच्चों के साथ दीपावली मिलन किया।


इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने बुजुर्गों की सेवा और सुश्रूषा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने बच्चों और बुजुर्गों के साथ फुलझड़ियां और पटाखे जलाकर हर्षोल्लास के साथ पर्व का आनंद लिया, जिससे वृद्धाश्रम का माहौल पूरी तरह बदल गया।
बुजुर्गों की सेवा और बच्चों संग पटाखे ; पुलिस अधिकारियों ने साझा किए विचार..

यातायात पुलिस बिलासपुर, पुलिस मित्रों, नागरिक संगठनों और समाजसेवी संस्थाओं ने मिलकर शहर के शेल्टर होम के बालक बालिका आश्रम में निवास कर रहे बच्चों के बीच जाकर फुलझड़ियां जलाईं, पटाखे फोड़े और परिसर को बैलून से सजाकर घर से बाहर बच्चों के साथ इस दीपावली पर्व का उत्सव मनाया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रामगोपाल करियारे ने बताया कि त्योहारों के दौरान 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहने के कारण पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने परिवार के साथ पारंपरिक अनुष्ठानों में शामिल होने का अवसर नहीं मिल पाता है। ऐसे में आम नागरिकों के उत्सव में शामिल होकर ही वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं। इसी क्रम में, स्वयं सिद्धा फाउंडेशन और अन्य सहयोगी संस्थाओं के विशेष सहयोग से पुलिस ने वृद्धाश्रम में देवतुल्य बुजुर्गों की सेवा कर उनका आशीर्वाद लिया।
भावुक हुए बुजुर्ग, लोगों से की मार्मिक अपील : परिवार से अलग न करें..
वृद्धाश्रम में निवास कर रहे वरिष्ठ जनों को शॉल, श्रीफल और दीपावली की मिठाइयां बांटकर इस पर्व को हर्ष, आनंद और उत्साह से मनाया गया।
इस मौके पर बुजुर्ग माता-पिता भावविभोर हो गए। उन्होंने अत्यंत भावुक मन से अपने अतीत को याद करके उपस्थित सभी संगठनों के साथ अपनी पुरानी यादों को साझा किया।
वृद्धाश्रम के बुजुर्ग सदस्यों ने आम नागरिकों से मार्मिक अपील की कि किसी भी परिस्थिति में वृद्ध बुजुर्गों को अपने परिवार से अलग न करें। उन्होंने कहा कि उम्र के इस दहलीज पर उन्हें शारीरिक तकलीफों से ज्यादा मानसिक अलगाव का एहसास होता है, जिसकी पीड़ा असहनीय होती है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रामगोपाल करियारे और स्वयंसेवी संस्था ‘स्वयं सिद्धा फाउंडेशन’ की अध्यक्ष चंचल सलूजा सहित अन्य सदस्यों ने भीगी पलकों से मीडिया को अपने विचार साझा करते हुए कहा कि बुजुर्ग मां-बाप परिवार की आत्मिक धुरी हैं, और उनकी देखभाल व सेवा हम सबकी प्राथमिक जिम्मेदारी है।
पुलिस और नागरिक संगठनों ने मीडिया के माध्यम से लोगों को यह संदेश भी दिया कि शासन द्वारा बुजुर्गों के जिम्मेदारियों के निर्वहन के संबंध में विधिक प्रावधान हैं, अतः परिवार ऐसा परिवेश स्थापित करे कि बुजुर्गों को इस पड़ाव पर परिवार से अलग होने की स्थिति न बने।
इस अवसर पर स्वयं सिद्धा फाउंडेशन की अध्यक्ष चंचल सलूजा, सदस्य ज्योति मिश्रा, सरभजित कौर, शेखर सरकार और यातायात विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

