गरियाबंद के जंगल में पहली बार बाघ की दस्तक ! ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग हाई अलर्ट पर..

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र से भटककर आया चार वर्षीय नर बाघ.. ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत..

गरियाबंद, छत्तीसगढ़। गरियाबंद जिला मुख्यालय के नजदीकी जंगलों में पहली बार एक नर बाघ की मौजूदगी दर्ज की गई है, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। दो अलग-अलग गांवों के ग्रामीणों ने बाघ को देखने की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि एक ग्रामीण, जो जंगल में फूटू तोड़ने गया था, ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई।

सूत्रों के अनुसार, यह वही बाघ हो सकता है जो पिछले 5 माह से उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में सक्रिय था और जिसकी निरंतर मॉनिटरिंग टाइगर रिजर्व के डीएफओ वरुण जैन द्वारा की जा रही थी। अब यह बाघ गरियाबंद वनमंडल की सीमा में प्रवेश कर चुका है।

गरियाबंद के वनमंडलाधिकारी ने पुष्टि की है कि यह लगभग 4 वर्ष का नर बाघ है। बाघ की आमद से ग्रामीणों में भय का माहौल है, जिसे देखते हुए वन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए विभाग ने 9 टीमें और 60 कर्मचारी तैनात किए हैं। स्वयं डीएफओ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार निगरानी रख रहे हैं और ग्रामीणों को जागरूक कर रहे हैं।

बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं और पदचिह्नों के प्लास्टर ऑफ पेरिस से सैंपल लिए गए हैं। बाघ की सुरक्षा और मूवमेंट की मॉनिटरिंग नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) की गाइडलाइंस के तहत की जा रही है।

ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत..

वन विभाग की ओर से गांव-गांव में मुनादी कर ग्रामीणों को सतर्क रहने, जंगल में अकेले न जाने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल देने की अपील की जा रही है।

वन विभाग का कहना है कि स्थिति पर पूरी तरह नजर रखी जा रही है और बाघ की गतिविधियों को देखते हुए आगे की रणनीति बनाई जाएगी।