Three crore scamster Rajkumar Verma abused Nagar Panchayat CMO, uproar in Malhar, MLA Lahariya said condemnable act and action should be taken..
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की नगर पंचायत मल्हार में एक ऐसी शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। करोड़ों के घोटाले में ‘फरार’ चल रहे आरोपी राजकुमार वर्मा ने खुलेआम मुख्य नगरपालिका अधिकारी (CMO) मनीष सिंह ठाकुर के साथ अभद्रता की, गालियाँ दीं और यहाँ तक कि उनका मोबाइल तक छीन लिया। यह घटना सिर्फ एक अधिकारी पर हमला नहीं, बल्कि उस सिस्टम की विफलता का प्रमाण है जो ऐसे ‘दबंग’ लोगों को बेखौफ घूमने और शासकीय कार्यों में बाधा डालने की छूट दे रहा है।

इस गंभीर घटना में नगर पंचायत अध्यक्ष के पति धनेश्वर केवट और वही कुख्यात राजकुमार वर्मा नामक व्यक्ति शामिल हैं, जिनके खिलाफ CMO ने पुलिस चौकी मल्हार में लिखित शिकायत दी है।

क्या हुआ था घटना के दिन?
दिनांक 25 अप्रैल को अमृत मिशन 2.0 के कार्य प्रारंभ के अवसर पर CMO द्वारा सभी पार्षदों और अध्यक्ष को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम के बाद सभाकक्ष में जल समस्या और अन्य विषयों पर चर्चा के उपरांत CMO अपने कक्ष में लौटे।
कुछ देर बाद अध्यक्ष पति धनेश्वर केवट और उनकी पत्नी नगर पंचायत अध्यक्ष धनेश्वरी केवट वहाँ पहुँची। बातचीत के दौरान धनेश्वर केवट ने CMO को कहा कि वे किसी व्यक्ति से बात करें, और राजकुमार वर्मा के मोबाइल से कॉल कर फोन उनके हाथ में थमाया गया।जैसे ही CMO ने फोन कान पर लगाया, दूसरी ओर से राजकुमार वर्मा द्वारा अपशब्दों की बौछार कर दी गई।
“मॉ….. (गंदी गाली)तू पीआईसी की बैठक क्यों नहीं बुला रहा है? दो दिन में तुझे हटवा दूँगा… तुझे और तेरे बाप को पीआईसी बनानी पड़ेगी
अचानक हुई इस अभद्रता से घबराकर CMO ने फोन काटा और बाहर निकलकर कहा कि वे इस फोन को पुलिस को सौंपेंगे ताकि अपशब्द बोलने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई हो सके। इस पर धनेश्वर केवट ने CMO को धक्का दिया, कॉलर पकड़ा और फोन छीन लिया।
कौन है राजकुमार वर्मा? ‘फरार’ होकर भी सिस्टम में सेंधमारी..
जिस राजकुमार वर्मा का नाम इस पूरे विवाद में सामने आया है, वह कोई नया चेहरा नहीं है, बल्कि मल्हार के ‘दागी’ इतिहास का एक प्रमुख किरदार है। वर्ष 2012-13 में मल्हार के ही धान खरीदी केंद्र में लगभग ₹3 करोड़ के घोटाले का वह मुख्य आरोपी था। उस समय दर्ज एफआईआर में राजकुमार वर्मा का नाम प्रमुख रूप से सामने आया था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से आज तक वह पुलिस रिकॉर्ड में ‘फरार’ है। सोचिए, करोड़ों के घोटाले में वांछित एक व्यक्ति खुलेआम घूमता है, अधिकारियों को धमकाता है और शासकीय कार्य में बाधा डालता है! क्या ऐसे ही ‘फरार’ रहा जाता है?
अब जब 2024-25 में भी मल्हार में ₹3.5 करोड़ का नया धान घोटाला उजागर हुआ है, ग्रामीणों में यह आशंका फिर से जन्म ले चुकी है कि राजकुमार वर्मा कहीं इस नई हेराफेरी के पीछे भी सक्रिय भूमिका में तो नहीं? उसकी पुनः प्रशासनिक दखल और नगर पंचायत के उच्च पदाधिकारियों से नजदीकी इस संदेह को और बल दे रही है।
सूत्र बताते हैं कि राजकुमार वर्मा की दबंगई यहीं तक सीमित नहीं है। वे पूर्व में क्षेत्रीय विधायक तक को सार्वजनिक रूप से अपशब्द और गालियाँ देने का दुस्साहस कर चुके हैं। आश्चर्य की बात यह है कि करोड़ों के घोटाले में वांछित होने और ऐसे कृत्यों को अंजाम देने के बावजूद, उसे कथित तौर पर भाजपा मंडल अध्यक्ष का संरक्षण प्राप्त है। पार्टी के सिद्धांतों और गाइडलाइंस की धज्जियाँ उड़ाते हुए, वर्मा अक्सर पार्टी के कार्यक्रमों में वरिष्ठ नेताओं की अवहेलना करते नजर आते हैं, मानों उन्हें किसी का भय ही न हो और पार्टी गाइडलाइन से हटकर काम करना उनकी फितरत हो।
घटना के गवाह और सबूत..
इस घटना के गवाह उप अभियंता केएन उपाध्याय, उपाध्यक्ष सुशील चौबे, तथा कई पार्षद और ठेकेदार हैं, जिन्होंने CMO के आरोप की पुष्टि की है। घटनास्थल पर मौजूद रहे सभी ने इस कृत्य को शासकीय कार्य में बाधा एवं अधिकारियों को भयभीत करने का प्रयास बताया है।
क्या बोले CMO मनीष सिंह ठाकुर?
“मैं अपने दायित्वों का पालन कर रहा था। जब नियमविरुद्ध पीआईसी गठन के कारण एजेंडा जारी नहीं किया गया, तब मुझ पर निजी हमला किया गया। मुझे धमकाया गया, गालियाँ दी गईं और फिर सार्वजनिक रूप से धक्का देकर मेरा फोन छीन लिया गया। मैं भयभीत हूँ और चाहूंगा कि आरोपियों पर सख्त कानूनी कार्यवाही हो।”
क्या पुलिस अब भी ‘फरार’ को ‘फरार’ ही मानेगी? सिस्टम पर बड़ा सवाल!
CMO जैसे जिम्मेदार अधिकारी के साथ शासकीय परिसर में हुई यह शर्मनाक घटना इस बात का आईना है कि मल्हार में ‘सिस्टम’ कैसे काम कर रहा है। जब करोड़ों के घोटाले में ‘फरार’ घोषित एक व्यक्ति खुलेआम अधिकारी को धमकाता है, गालियाँ देता है और उसका मोबाइल छीन लेता है, तो यह सवाल उठना लाजिमी है कि उसे किसका संरक्षण प्राप्त है और पुलिसिया कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है? क्या खाकी वर्दी अब भी ‘फरार’ आरोपी को पकड़ने का साहस दिखाएगी, या फिर रसूख और संरक्षण के आगे कानून एक बार फिर बौना साबित होगा? मल्हार की जनता और प्रशासनिक अधिकारी इस पूरे प्रकरण पर टकटकी लगाए बैठे हैं।
इस मामले में मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है उन्होंने कहा है कि भाजपा राज में गुंडागर्दी रेप की घटनाएं आम हो गई है पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है और भाजपा के ही लोग गुंडागर्दी करके यह गलत कार्य कर रहे हैं मैं इस कार्य की निंदा करता हूं सरकार को चाहिए कि ऐसे लोगों पर कठोर से कठोर कार्रवाई करें
दिलीप लहरिया
विधायक मस्तूरी

