The way is clear for the reinstatement of 11 employees, the High Court has cancelled the dismissal order..
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर के 11 कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उनकी सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त करते हुए सभी को फिर से नौकरी में बहाल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि शिकायत की जांच एकतरफा थी और कर्मचारियों को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका नहीं दिया गया। पूरा मामला साल 2014 में हुई भर्ती से जुड़ा है, जब बैंक ने 110 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था।
पंकज तिवारी ने अपने एडवोकेट के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें बताया कि याचिकाकर्ता पंकज कुमार तिवारी ने जिला सहकारी बैंक में समिति प्रबंधक पद के लिए आवेदन किया था। लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के बाद 14 फरवरी 2015 को उन्हें नियुक्ति पत्र मिला और 13 मार्च को उन्होंने पदभार ग्रहण किया।
इस बीच दुर्गेश राजपूत नाम के युवक ने भर्ती में अनियमितता का आरोप लगाते हुए शिकायत कर दी, जिस पर जांच समिति बनी और रिपोर्ट के आधार पर बैंक प्रबंधन ने पंकज तिवारी समेत अन्य कर्मचारियों को नोटिस जारी कर 23 नवंबर 2015 को सेवा से हटा दिया। सेवा समाप्ति के खिलाफ पंकज तिवारी ने पहले संयुक्त पंजीयक, सहकारी संस्थाएं रायपुर में अपील की, लेकिन 2019 में उनकी अपील खारिज कर दी गई। इसके बाद राज्य सहकारी अधिकरण में भी अपील की गई, जो 2020 में निरस्त हो गई।
हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस एके प्रसाद की सिंगल बेंच में हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने तर्क दिया कि भर्ती पूरी तरह नियमों के तहत हुई थी। सभी दस्तावेज और योग्यता की जांच के बाद ही नियुक्ति दी गई थी। शिकायत की जांच एकतरफा की गई थी और किसी भी स्तर पर गड़बड़ी के पुख्ता प्रमाण भी नहीं मिले।

