गहनाझरिया, लैलुंगा । मंगलवार की रात्रि गहनाझरिया स्थित प्रसिद्ध सती देवी मंदिर प्रांगण काव्य रसधारा से सराबोर हो उठा, जब हास्य-व्यंग्य के चर्चित कवि पुरुषोत्तम ठेठवार के कुशल संचालन में एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ ओजस्वी कवियित्री कुमारी नेहा ठेठवार द्वारा मां सरस्वती की वंदना के साथ हुआ, जिनके स्वर और शब्दों ने मंच को पावनता प्रदान की। इसके पश्चात रश्मि मंजुला पंडा ने प्रेम से सिक्त गीतों और मुक्तकों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
सम्मेलन की अगली कड़ी में जांजगीर से पधारे युवा कवि एवं गीतकार ने हिंदी और छत्तीसगढ़ी भाषा में अपनी भावपूर्ण रचनाओं से खूब तालियां बटोरीं। उनके काव्य में समाज की सच्चाइयों के साथ भावनाओं की गहराई भी स्पष्ट झलकी।
फिर एक बार मंच पर लौटीं कुमारी नेहा ठेठवार, जिन्होंने वीर रस की ओजपूर्ण कविता के माध्यम से श्रोताओं में देशभक्ति और ऊर्जा का संचार किया।
अंततः जब मंच संभाला स्वयं कवि पुरुषोत्तम ठेठवार ने, तो उन्होंने अपनी विशिष्ट हास्य-व्यंग्य शैली में श्रोताओं को हंसी से लोटपोट कर दिया और काव्य-संध्या को यादगार बना दिया।
कार्यक्रम के समापन पर सभी आमंत्रित कवियों और कवियित्रियों को समिति द्वारा सम्मानित किया गया।
इस आयोजन में प्रमुख रूप से कार्यक्रम संयोजक त्रिलोचन बेहरा, कार्यक्रम प्रभारी प्रमोद यादव, मंदिर के आचार्यगण एवं स्थानीय जनसमुदाय की विशेष उपस्थिति रही।
यह कवि सम्मेलन केवल मनोरंजन नहीं, अपितु संस्कृति और साहित्य का जीवंत उत्सव बन गया, जिसकी गूंज देर रात तक गहनाझरिया की फिजाओं में सुनाई देती रही।

