The society has been cheated, that is why the Christian community will vote NOTA. Now the Christian community will unite the society and decide a different direction..
बिलासपुर। मसीही समाज में शांतिप्रिय लोग हैं। हमेशा लोगों के सुख-दुख में यह साथ देने वाला समाज है। छत्तीसगढ़ में आज दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों से मसीही समाज उपेक्षित है। मसीही समाज को ये राजनीतिक दल हमेशा से वोट बैंक समझते रहे हैं।इसीलिए उन्हें अधिकार देने से पीछे हट जाते हैं। बिलासपुर नगरीय निकाय चुनाव में भी कांग्रेस और भाजपा ने 70 वार्ड में कहीं से भी एक भी समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व नहीं दिया है। लगातार दोनों दलों से प्रत्याशी बनाए जाने की मांग समाज के प्रमुखों द्वारा की जाती रही है मगर उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता रहा है। इसलिए दोनों दलों की उपेक्षा से परेशान होकर समाज के लोग अब नई दिशा में जाने को तैयार है। बिलासपुर प्रेस क्लब में मंगलवार को एडवोकेट अल्बर्ट मसीह ने पहुंचकर पार्टी के रवैये पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि दोनों दलों में समाज के लोग शिद्दत के साथ तन मन धन से सहयोग करते हैं मगर जब टिकट देने की बारी आती है तो उन्हें एक तरह से उपेक्षित कर दिया जाता है। इसलिए अब वे निर्दलीय चुनाव लड़कर समाज की सेवा करने जा रहे हैं। यही नहीं अब समाज को एकजुट भी किया जाएगा और उनसे भी इस तरफ ध्यान देने और बिखरे समाज को ताकत के रूप में इकट्ठा किया जाएगा,ताकि जो राजनीतिक दल उन्हें वोट बैंक समझते हैं उनकी ताकत के आगे उनसे सम्मान पूर्वक चर्चा करें और समाज के नेतृत्व को आगे ले जाएं। उन्होंने समाज से अपील की है कि दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की बजाय नोटा में वोट कर अपनी ताकत का एहसास दिलाए।
अल्बर्ट मसीह ने बताया की तारबाहर क्षेत्र वार्ड क्रमांक 29 संजय गांधी नगर से वह भी कांग्रेस पार्टी से टिकट मांग रहे थे और उन्हें आश्वासन भी मिल रहा था मगर उन्हें टिकट नहीं दी गई। वार्ड में कुल साढ़े सात हजार वोटर हैं जिनमें डेढ़ हजार वोट मसीही समाज के हैं। इसलिए वे निर्दलीय चुनाव लड़कर वार्ड की सेवा करना चाह रहे हैं। खुद को सामाजिक क्षेत्र में काफी सक्रिय बताते हुए उन्होंने कहा कि तारबाहर रात्रि कालीन फ्लड लाइट क्रिकेट प्रतियोगिता उन लोगों के प्रयास से आज राज्य स्तर पर पहचान बना चुका है इस प्रतियोगिता में साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी भी खेलने आते हैं। कोरोनाकाल के समय सैनिटाइजर से लेकर खाने पीने की व्यवस्था में समाज के लोग काफी सक्रिय रहे हैं। इसलिए भी समाज का यह हक बनता है कि उन्हें वार्ड में प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए था मगर ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अब समाज में बुराइयों को छोड़कर एकजुटता पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि अपने अब दूसरों के भरोसे ना रहें और समाज के बीच एक नेतृत्व तैयार हो। उन्होंने स्वीकार किया कि उनका समाज अभी बंटा हुआ है इसलिए इस दिशा में काम करने की जरूरत है।

