The secret of sand mafia was revealed by the raid of the Mineral Department. BJP leader accused of protection, team returned leaving the action incomplete..
बिलासपुर । छत्तीसगढ़ में सुशासन महोत्सव मनाया जा रहा है, लेकिन बिलासपुर के तोरवा इलाके में शनिवार को हुई खनिज विभाग की छापेमारी ने सरकारी दावों की पोल खोल दी। तोरवा के लालखदान रोड स्थित कान्हा परिसर के पास अवैध रेत डंपिंग ज़ोन पर टीम ने दबिश दी, लेकिन कुछ ही देर में कार्रवाई अधूरी छोड़ टीम वापस लौट गई। वजह – एक ‘ऊंचे’ नेता का फोन कॉल।
सूत्रों की मानें तो यह पूरा डंपिंग जोन भाजपा के एक बड़े नेता से जुड़ा हुआ है, जो क्षेत्र में रेत के अवैध कारोबार का संचालन कर रहा है। आरोप है कि यही नेता एक बिल्डर पर दबाव बना रहा है ताकि डंप की गई रेत को ‘लीगल’ बताया जा सके और जब्ती से बचा जा सके।
डंप तक हर दिन पहुंचती हैं 100+ ट्रॉली रेत..
मोपका के कुटीपारा क्षेत्र से हर दिन 100 से ज्यादा ट्रैक्टर-ट्रॉली रेत भरकर अरपा चेक डैम होते हुए कान्हा परिसर स्थित डंपिंग ज़ोन तक पहुंचती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह काम लंबे समय से चल रहा है और इसे राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है।
इस अवैध कारोबार के बावजूद प्रशासन खामोश है। हाई कोर्ट के निर्देशों के बावजूद न अवैध खनन रुका और न ही परिवहन। खनिज विभाग की टीम ने दस्तावेज़ चेक किए, लेकिन नेता का कॉल आते ही कार्रवाई रोक दी गई।
इलाके में चर्चा का बाजार गर्म..
तोरवा क्षेत्र में इस कार्रवाई को लेकर चर्चा तेज है। लोगों का कहना है कि सरकार आम आदमी पर सख्ती करती है, लेकिन जब नेताओं की बारी आती है तो कार्रवाई ठंडी पड़ जाती है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “जनता पर डंडा और नेता पर छूट – क्या यही है सुशासन?
क्या सरकार दिखाएगी हिम्मत?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार इस नेता पर कार्रवाई करेगी या फिर यह मामला भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा? फिलहाल खनिज विभाग और प्रशासन की चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

