The life of the innocent elephant trapped between the rocks was saved.. The rescue was successful due to the vigilance and efforts of the forest department in Dharmajaygarh forest division.. There was a wave of joy as soon as the elephant met its mother..
धर्मजयगढ़ (छत्तीसगढ़)। बकरुमा रेंज के घने जंगलों में कुछ दिनों पूर्व वन विभाग ने एक ऐसा कार्य कर दिखाया, जो वन्यजीव संरक्षण के इतिहास में मिसाल बन गया। दो विशाल पत्थरों के बीच फंसी एक मादा हाथी की बच्ची को वन अमले ने सूझबूझ और धैर्य से बचाया और सुरक्षित रूप से उसकी मां से मिलवाया। यह रेस्क्यू ऑपरेशन न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से चुनौतीपूर्ण था, बल्कि भावनात्मक रूप से भी बेहद संवेदनशील।

जानकारी के अनुसार, जंगल में विचरण करते समय यह हाथिनी का बच्चा अचानक फिसलकर दो बड़े पत्थरों के बीच फंस गया। गश्ती पर निकली टीम की नजर जब इस पर पड़ी, तब वह डरी और सहमी हुई हालत में थी, कोई हरकत नहीं कर पा रही थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।


इस अभियान का नेतृत्व कर रहे अधिकारी ने बताया कि उन्होंने हाथियों के व्यवहार और पारिवारिक प्रवृत्तियों को ध्यान में रखते हुए पूरे संयम के साथ काम किया। कई घंटों की मेहनत के बाद जब बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला गया और कुछ ही देर में वह अपनी मां के पास पहुंची, तो वह क्षण अत्यंत भावुक कर देने वाला था।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों में रायगढ़ जिले में चार हाथी के बच्चों की मौत हो चुकी थी।
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