कवर्धा, छत्तीसगढ़ – राज्य में नक्सल उन्मूलन के प्रयासों को एक बड़ी सफलता मिली है। छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर दो खूंखार नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। इनमें 10 लाख का इनामी नक्सली लक्ष्मण मरकाम और 15 लाख का इनामी माओवादी भीमा उर्फ अशोक शामिल हैं। दोनों नक्सलियों पर कई गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज थे और पुलिस को लंबे समय से उनकी तलाश थी।
लक्ष्मण मरकाम और भीमा उर्फ अशोक के आत्मसमर्पण से पुलिस और सुरक्षा बलों ने राहत की सांस ली है। यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति की सफलता का प्रतीक है, जो नक्सलियों को मुख्य धारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित करती है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास और पुनःस्थापना की प्रक्रिया में सहयोग मिलेगा।
छत्तीसगढ़ में बीते 6 महीनों के दौरान नक्सल उन्मूलन अभियान ने उल्लेखनीय प्रगति की है। दिसंबर 2023 से जून 2024 तक राज्य में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच 100 एनकाउंटर हुए, जिनमें 146 नक्सलियों को मार गिराया गया। इस अवधि में पुलिस ने 633 माओवादियों को गिरफ्तार किया और 531 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
राज्य सरकार और सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों ने नक्सलियों के मनोबल को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने और पुनर्वास योजनाओं को लागू करने के प्रयासों ने नक्सलियों के आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित किया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने इस सफलता पर सुरक्षाबलों की सराहना की और कहा कि नक्सल उन्मूलन अभियान जारी रहेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में और अधिक नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे और राज्य में शांति और विकास की दिशा में एक और कदम बढ़ेगा।

