बिलासपुर। शहर में मॉडिफाइड और तेज आवाज वाले साइलेंसर पर प्रतिबंध के बावजूद उनकी बिक्री और इस्तेमाल धड़ल्ले से जारी है। बुलेट समेत अन्य दोपहिया वाहनों में लांग पंजाब और इंदौरी साइलेंसर जैसे कानफोड़ू मॉडिफिकेशन खुलेआम किए जा रहे हैं। ये प्रतिबंधित साइलेंसर शहर की दुकानों पर आसानी से 1500 से 2000 रुपये की कीमत में मिल रहे हैं और दुकानदार उन्हें तुरंत वाहनों में लगा भी रहे हैं, जबकि साइलेंसर और पट्टा समेत कुल खर्च 8 से 9 हजार रुपये तक आता है। इन साइलेंसरों की वजह से सड़कों पर पटाखे फूटने जैसी आवाज वाले वाहन बेखौफ दौड़ रहे हैं, जिससे ध्वनि प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है।

बुलेट के लिए खास होते हैं तैयार..
बिलासपुर में यातायात पुलिस ने मॉडिफाइड साइलेंसर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन यह प्रतिबंध सिर्फ कागजों तक सीमित दिख रहा है। शहर के लिंक रोड समेत कई इलाकों की दुकानों पर ये साइलेंसर बेचे जा रहे हैं। इनमें बड़ा पंजाब नाम का साइलेंसर सबसे ज्यादा शोर करता है और इससे पटाखे फूटने जैसी आवाज आती है। ये साइलेंसर खासकर बुलेट जैसी भारी बाइकों के लिए विशेष रूप से तैयार किए जाते हैं।
कान के पर्दे फटने का खतरा..
सामान्य बाइक से निकलने वाली साइलेंसर की आवाज 55 डेसिबल तक होती है, लेकिन मॉडिफाई करने के बाद ये कानफोड़ू साइलेंसर 40 डेसिबल से कहीं ज्यादा शोर पैदा करते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति इस तेज आवाज को लगातार 10 मिनट तक सुन ले तो उसके कान का पर्दा फटने की संभावना बढ़ जाती है। इसके बावजूद, दुकानदार इन खतरों को नजरअंदाज कर खुलेआम इनकी बिक्री कर रहे हैं।
पुलिस कार्रवाई न के बराबर..
यातायात पुलिस मॉडिफाइड साइलेंसर लगाकर चलने वाले वाहन चालकों पर तो कभी कभार कार्रवाई करती है, लेकिन उन दुकानदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही जो इन प्रतिबंधित साइलेंसरों को बेच और लगा रहे हैं। इसी कारण से सड़कों पर बिना किसी डर के लोग ऐसे साइलेंसर लगवाकर घूम रहे हैं।
इस संबंध में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मॉडिफाइड साइलेंसर बेचने पर प्रतिबंध है। “समय समय पर कार्रवाई की जाती है। अभी जिन दुकानों से मॉडिफाइड साइलेंसर बेचे जा रहे हैं, उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी

