तेलीपारा गला कांड: आरोपी को थाने से छोड़े जाने पर उठे सवाल..

Telipara throat case: Questions raised on the release of the accused from the police station..

बिलासपुर। तेलीपारा इलाके में गला कांड के आरोपी को पकड़कर थाने से छोड़े जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि थाने में लिखित शिकायत देने के बावजूद पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की।

थाना प्रभारी ने अपनी सफाई में कहा कि, “जब घायल पक्ष का व्यक्ति खुद एफआईआर दर्ज कराने नहीं आ रहा है, तो हम कैसे कार्रवाई करें?” वहीं, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि थाने में दी गई लिखित शिकायत अपने आप में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के समान है। पुलिस को शिकायत के आधार पर तुरंत मामला दर्ज कर कार्रवाई करनी चाहिए थी।

क्या है पूरा मामला..

तेलीपारा मुख्य मार्ग पर 30 दिसंबर को तेलीपारा निवासी रमेश शुक्ला (65) एक ट्रक की रस्सी में फंसकर घायल हो गए। यह ट्रक किशोर फुटवियर के गोदाम के बाहर खड़ा था। शुक्ला जी बाजार की ओर जा रहे थे, तभी अचानक ट्रक की रस्सी उनके गले में फंस गई और ट्रक के चलने पर वे कुछ दूर तक घसीटते चले गए थे इस घटना के बाद रमेश शुक्ला गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें 5 दिन तक अस्पताल में एडमिट रहना पड़ा

सीनियर अधिवक्ता अनुराग बाजपेई ने बताया कि आपराधिक मामलों में पुलिस का दायित्व है कि शिकायत मिलने पर तुरंत एफआईआर दर्ज करे और जांच शुरू करे। पीड़ित पक्ष ने पुलिस की निष्क्रियता को लेकर उच्च अधिकारियों से शिकायत करने की बात कही है।