राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर शिवमंदिर प्रांगण में विशेष आयोजन..

रायपुर। हमारे राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 गौरवशाली वर्ष पूरे होने के अवसर पर 7 नवंबर 2025 को शिवमंदिर प्रांगण शुभमविहार में शुभमविहार मानस मंडली द्वारा विशेष आयोजन किया गया। इस दौरान मंडली के सदस्यों ने एकस्वर में राष्ट्रगीत का गायन किया और प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में वक्ता ललित अग्रवाल ने राष्ट्रगीत के इतिहास और उसकी वर्तमान स्थिति को लेकर कहा कि

श्री बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 7 नवंबर 1875 को लिखा गया यह गीत भारत के स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा प्रेरक रहा है। उन्होंने बंकिम चंद्र के अंग्रेजों की नौकरी छोड़ने और उनके कालजयी उपन्यास आनंद मठ की पृष्ठभूमि का उल्लेख किया, जिसमें यह गीत शामिल है।

लेकिन अपने संबोधन के दौरान अग्रवाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीति के चलते हमारे नेताओं ने अरबी संस्कृति के सम्मुख हथियार डालते हुए इस गीत को काट दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत माता को मातृभूमि के स्थान पर भूमिमात्र बना दिया गया है और अब हम इस गीत का मात्र एक अंतरा ही गाते हैं ताकि हमारी मातृभूमि को भूमि मात्र मानने वाले कुपित न हो जाएँ।

शत प्रतिशत हिंदुओं का राष्ट्र बनाएंगे का संकल्प..

इस विशेष अवसर पर ललित अग्रवाल ने कट्टरपंथी राजनीतिक संकल्प लेते हुए कहा, आज इस गीत की 150 वीं जयंती पर हम संकल्प लें कि हमारी मातृभूमि को भूमिमात्र मानने वाले एक एक जन को हिन्दू संस्कृति में लौटा कर लाएंगे और भारत को शत प्रतिशत हिंदुओं का राष्ट्र बनाएंगे ताकि फिर कभी कोई भारत माता की वंदना के इस गीत को छोटा करने को विवश न हो।” यह बयान सीधे तौर पर राजनीतिक गलियारों में बड़े विवाद को जन्म दे सकता है।

कार्यक्रम में मानस मंडली के अध्यक्ष अखिलानंद पांडेय, ललित अग्रवाल, अखिलेश द्विवेदी, विनोद अवस्थी, प्रमोद तिवारी, भूपेंद्र यादव, सुरेंद्र दुबे, प्रमोद अवस्थी, रामकिसुन रजक, अनिल तिवारी, धर्मेन्द्र चंद्राकर, कौशल्या साहू, स्मिता नामदेव सहित मंडली के सभी सदस्य मौजूद रहे।