बिलासपुर। आज दिनांक 9 अगस्त को छत्तीसगढ़ की सभी 33 जेलों में रक्षाबंधन का पर्व बड़े ही भावपूर्ण माहौल में मनाया गया। इस दौरान राज्य भर में कुल 7579 बंदियों को उनकी 19401 बहनों ने राखी बांधी, जिससे जेलों का माहौल कुछ समय के लिए बदल गया। बिलासपुर केंद्रीय जेल में तो एक विशेष पहल भी की गई, जहां राखी बांधने आने वाली प्रत्येक बहन को उपहार के रूप में एक पौधा दिया गया, जो रिश्तों और प्रकृति के जुड़ाव का संदेश देता है। वहीं, जिन महिला बंदियों के भाई जेल में थे, उनकी संख्या अपेक्षाकृत कम रही।

संभागवार उमड़ी बहनों की भीड़..
पूरे प्रदेश की जेलों में रक्षाबंधन का यह पर्व एक पारिवारिक मिलन का अवसर बन गया। जेल प्रबंधन ने सुरक्षा और गरिमा को बनाए रखते हुए इस आयोजन को सफल बनाया।
अलग-अलग संभागों में बंदियों से मिलने आने वाली बहनों की संख्या इस प्रकार रही :
रायपुर संभाग: 1936 बंदियों को 4069 बहनों ने राखी बांधी।
दुर्ग संभाग: 1634 बंदियों को 6174 बहनों ने राखी बांधी।
बिलासपुर संभाग: 2419 बंदियों को 6585 बहनों ने राखी बांधी।
सरगुजा संभाग: 931 बंदियों को 1577 बहनों ने राखी बांधी।
बस्तर संभाग: 659 बंदियों को 996 बहनों ने राखी बांधी।
इस दौरान जेलों में बंद कैदियों के लिए विशेष भोजन का भी प्रबंध किया गया, जिससे उन्हें त्यौहार का अनुभव हो सके।
जेलों में दिखा भाई बहन के प्यार का अटूट बंधन..

केंद्रीय जेल, बिलासपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कई भावुक पल देखने को मिले। जब बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांध रही थीं, तो कईयों की आंखें नम थीं। जेल अधीक्षक ने बताया कि इस तरह के आयोजन बंदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि यह पर्व उन्हें समाज और परिवार के प्रति उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराता है। बहनों को पौधा देने का मकसद भी यही था कि वे अपने भाई के लिए जीवन और उम्मीद की एक नई किरण लेकर जाएं।

