बिलासपुर में कथा प्रवचन के प्रथम दिवस पर बोले अभिनव गोपाल शरण महाराज, कहा – श्रीमद् भागवत केवल ग्रंथ नहीं, साक्षात भगवान का रूप हैं..
बिलासपुर। शहर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के प्रथम दिन श्रद्धा और भक्ति का अनुपम संगम देखने को मिला। कथावाचक पूज्य अभिनव गोपाल शरण महाराज ने भक्ति से ओतप्रोत प्रवचन में कहा कि श्रीमद् भागवत कथा साक्षात भगवान का स्वरूप है, और इसका श्रवण हमारे जीवन को आलोकित करता है।

महाराज ने कहा कि जो भक्त सच्चे हृदय से कथा श्रवण करता है, उसके अंत:करण में यह कथा बस जाती है और जीवनभर उसे सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। उन्होंने यह भी बताया कि भगवान की भक्ति से ही जीवन की सफलता संभव है, और श्रीकृष्ण की कथा से व्यक्ति के भीतर दिव्य संस्कारों का उदय होता है।
कथा का सार : जीवन में लाना आत्मिक परिवर्तन और शांति..
कथावाचक ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा मात्र एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह व्यक्ति के आत्मिक उत्थान और आध्यात्मिक जागरण का सशक्त माध्यम है। इसका उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि हृदय को निर्मल बनाना और भक्ति का बीज बोना है।
उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी भौतिक दुनिया में मनुष्य का चित्त अशांत और मलिन होता जा रहा है। ऐसे में कथा श्रवण आत्मा को शुद्ध कर जीवन को संतुलित और सफल बनाती है।
ध्रुव तारा : अमर भक्ति का प्रतीक..

प्रवचन के दौरान ध्रुव की कथा का उदाहरण देते हुए महाराज ने बताया कि केवल पाँच वर्ष की आयु में ध्रुव ने नारद मुनि की प्रेरणा से कठोर तपस्या कर भगवान को प्रसन्न किया। परिणामस्वरूप, भगवान ने उन्हें ध्रुव तारे के रूप में अमर कर दिया।
महाराज ने कहा, “सभी ग्रह-नक्षत्र गतिशील हैं, लेकिन ध्रुव तारा आज भी अडिग है। यह इस बात का प्रतीक है कि सच्ची, निष्कलंक भक्ति कभी नष्ट नहीं होती और अमरता प्रदान करती है।”
ब्रज रस : निष्काम प्रेम की पराकाष्ठा..

अभिनव गोपाल शरण महाराज ने ब्रज रस की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि यह भगवान श्रीकृष्ण के प्रति निष्काम प्रेम का स्वरूप है। उन्होंने कहा, “जब तक जीवन में निष्काम प्रेम नहीं आता, तब तक सच्चे आनंद की अनुभूति नहीं हो सकती।”
निष्काम प्रेम का अर्थ है – बिना किसी स्वार्थ के केवल भगवान की भक्ति करना। यही प्रेम जीवन में सुख, शांति और आत्मिक तृप्ति का स्रोत बनता है।
पूरे सप्ताह चलेगा कथा महोत्सव..

श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन संपूर्ण सप्ताह तक चलेगा। प्रतिदिन भगवान श्रीकृष्ण की प्रभु लीलाओं, उपदेशों और भक्ति रस से ओतप्रोत प्रसंगों का विस्तृत वर्णन किया जाएगा। बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन कथा स्थल पर पहुंचकर भक्ति और श्रद्धा से सराबोर हो रहे हैं।

यह श्रीमद् भागवत कथा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन की दिशा बदलने वाली आध्यात्मिक यात्रा है, जो व्यक्ति को भक्ति, प्रेम और शांति की ओर ले जाती है।
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