
बिलासपुर। शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के शल्य तंत्र विभाग के रीडर डॉ. बृजेश सिंह को मरीज से इलाज के बदले में रूपये मांगने के आरोप में शो कॉज नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस संचालक आयुष, रायपुर द्वारा सोशल मीडिया में वायरल हुए वीडियो के आधार पर जारी किया गया है, जिसमें डॉ. सिंह एक मरीज से 3 हजार रुपये की मांग करते दिखाई दे रहे हैं।

राज्य सरकार द्वारा अस्पताल में मरीजों के लिए निःशुल्क इलाज की व्यवस्था की गई है, लेकिन डॉ. सिंह द्वारा मरीज से रुपये मांगना न केवल कर्तव्य के प्रति अनुशासनहीनता और कदाचरण को दर्शाता है, बल्कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के विभिन्न नियमों का उल्लंघन भी है। नोटिस में कहा गया है कि यह कृत्य घोर लापरवाही को दर्शाता है और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्रवाई के योग्य है।
डॉ. बृजेश सिंह से एक सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब तलब किया गया है। उन्हें पत्र प्राप्ति के 7 दिनों के भीतर अपना तथ्यात्मक जवाब दस्तावेज सहित नियंत्रण अधिकारी के माध्यम से प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। समय-सीमा पर अथवा समाधानकारक जवाब नहीं पाये जाने पर नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की प्रतिष्ठा पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है। आयुर्वेद महाविद्यालय के शल्य तंत्र विभाग के रीडर जैसे वरिष्ठ पद पर आसीन व्यक्ति द्वारा इस प्रकार का आचरण न केवल अनुचित है, बल्कि यह मरीजों की भलाई और अस्पताल की साख को भी नुकसान पहुंचाता है।
आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली के प्रति लोगों का विश्वास और भरोसा बनाए रखने के लिए ऐसे मामलों में त्वरित और निष्पक्ष जांच आवश्यक है। संचालक आयुष, रायपुर द्वारा इस मामले में उठाया गया कदम निश्चित रूप से प्रशंसनीय है, जो भविष्य में ऐसे अनुचित कार्यों को रोकने में सहायक सिद्ध होगा।

