अमित बघेल को झटका : हाई कोर्ट ने कहा आपराधिक जांच में हस्तक्षेप उचित नहीं..

बिलासपुर। जोहार पार्टी के प्रमुख और छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष अमित बघेल की गिरफ्तारी और पुलिस जांच की निगरानी की मांग को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि आपराधिक जांच में न्यायालय का हस्तक्षेप करना उचित नहीं है।

‘माइक्रो लेवल मैनेजमेंट’ कोर्ट के दायरे से बाहर..

डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में स्पष्ट उल्लेख किया है कि आपराधिक जांच में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता, न ही किसी आरोपित की गिरफ्तारी के संबंध में निर्देश ही दिए जा सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि किसी जांच के तरीके या फिर उसे सीनियर अफसर की निगरानी में कराने जैसे निर्देश देना आपराधिक जांच के माइक्रो लेवल पर मैनेजमेंट जैसा होगा, जो कोर्ट के न्यायिक दायरे में नहीं आता।

इस महत्वपूर्ण फैसले के जरिए कोर्ट ने पुलिस की जांच प्रक्रिया में न्यायिक हस्तक्षेप की सीमा को जाहिर किया है। अमित बघेल ने अपनी याचिका में अपनी गिरफ्तारी के बाद की जांच की गति पर सवाल उठाए थे। हालांकि, कोर्ट ने उनके तर्कों को मजबूत नहीं माना और प्रशासनिक कार्रवाई को उसके तरीके से चलने देने का संकेत दिया।

अमित बघेल की यह याचिका खारिज होने के बाद उन्हें कानूनी मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है, और उन्हें अब विभागीय स्तर पर चल रही पुलिस कार्रवाई का सामना करना होगा।