नई दिल्ली / छत्तीसगढ़ की चर्चित आईएएस अधिकारी सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें कोयला घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत दे दी है, लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें भी लगाई गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद चौरसिया जेल से बाहर तो आ जाएंगी, लेकिन वह अभी भी निलंबित रहेंगी और मामले की जांच जारी रहेगी।
गौरतलब है कि दिसंबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया था। चौरसिया पर आरोप है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ में हुए कोयला घोटाले में अहम भूमिका निभाई। ईडी की जांच के अनुसार, इस घोटाले के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी को चौरसिया का प्रशासनिक समर्थन हासिल था, जिससे तिवारी की गतिविधियों को बढ़ावा मिला।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की करीबी मानी जाने वाली चौरसिया की गिरफ्तारी कांग्रेस सरकार के लिए एक बड़ा झटका मानी गई थी। चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद से ही राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया था, और विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर तीखे आरोप लगाए थे।
ईडी द्वारा की गई पूछताछ में चौरसिया का नाम कई अन्य बड़े प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं के साथ जोड़ा गया था। हालांकि, चौरसिया ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है और अपनी बेगुनाही की बात कही है।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला राज्य की राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दे सकता है। विपक्ष ने इसे कांग्रेस सरकार की विफलता करार दिया है, जबकि कांग्रेस ने इस पर टिप्पणी करने से बचते हुए इसे न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बताया है। अब यह देखना होगा कि जमानत के बाद सौम्या चौरसिया का अगला कदम क्या होगा।

