रेत चोरी चरम पर, धान उठाव में लापरवाही..पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने घेरा, बोले: साय सरकार की नाकामी !

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कलेक्टर एसपी कॉन्फ्रेंस में सामने आई नाकामियों के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। राज्य सरकार के खुद रेत चोरी और धान उठाव में लापरवाही कबूल करने पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जोरदार हमला बोला है। बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सीधे नियंत्रण वाले खनिज विभाग में ही माफिया का राज चल रहा है, जो सरकार की खुली नाकामी है।

बघेल का हमला: सीएम के विभाग में ही माफिया का राज..

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साय सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में रेत चोरी की सच्चाई कबूलना यह साबित करता है कि सुशासन का दावा खोखला है।

बघेल ने तंज कसते हुए कहा, मुख्यमंत्री का विभाग ही उनके काबू में नहीं है, तो बाकी विभागों में क्या हाल होगा? उन्होंने याद दिलाया कि नियम खुद सरकार ने बदले, लेकिन अब कलेक्टरों को दोषी ठहराया जा रहा है। बघेल ने आरोप लगाया कि नर्मदा, महानदी और शहरी नदियों के घाटों पर अवैध रेत उत्खनन बेलगाम चल रहा है, जिससे राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है।

धान उठाव पर सवाल : 72 घंटे का वादा टूटा, किसान परेशान..

धान खरीदी में लापरवाही पर भी बघेल ने सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि पिछले खरीफ सीजन (2023 24) का 103.63 लाख मीट्रिक टन खरीदा गया धान आज तक पूरी तरह उठाया नहीं जा सका है।

बघेल ने सवाल किया, 72 घंटे में भुगतान का वादा करने वाली सरकार ने नियम बदलकर 3 महीने कर दिया। आज भी लाखों मीट्रिक टन धान फड़ों में सड़ रहा है। किसान परेशान हैं, लेकिन सरकार ठोस कदम नहीं उठा रही। उन्होंने कहा कि 86 लाख मीट्रिक टन के लिए डिलीवरी ऑर्डर (डीओ) जारी होने के बावजूद 40 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान अभी भी फंसा है। यह सीधे तौर पर किसान विरोधी रवैया है।

आदिवासी नेता के धरने का मुद्दा : कार्रवाई की हिम्मत नहीं..

भूपेश बघेल ने भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर के धरने का मुद्दा उठाकर प्रशासनिक जवाबदेही पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, जब भाजपा के ही कद्दावर नेता ननकीराम कंवर की बात नहीं सुनी जा रही है और वह कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत के खिलाफ धरना देने को मजबूर हैं, तो सामान्य जनता की क्या सुनवाई होगी?

बघेल ने आरोप लगाया, ननकीराम ने मुख्यमंत्री पर ट्रांसफर तक न कर पाने का आरोप लगाया, लेकिन एक महीना बीत गया, कलेक्टर जस की तस हैं। इससे पता चलता है कि सरकार में प्रशासनिक कार्रवाई की हिम्मत नहीं है।

बघेल ने साफ चेतावनी दी है कि किसान और खनिज विभाग से जुड़े हितैषी जल्द सड़कों पर उतरेंगे।उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द ठोस कदम उठाने होंगे, वरना सुशासन का दावा सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाएगा।