रायपुर । वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, ब्याज दरों में संभावित कटौती और त्योहारी मांग के चलते सोना-चांदी की कीमतों में आज जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया। रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ के सराफा बाजारों में निवेशकों और उपभोक्ताओं की चहल-पहल तेज़ रही। हालांकि, कीमतों की इस असामान्य तेजी ने पारंपरिक सराफा कारोबारियों की चिंताएं भी बढ़ा दी हैं।

वैश्विक कारकों का असर : निवेशकों की सेफ-हेवन में वापसी..
अमेरिका-चीन तनाव, मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक संकट और फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती की अटकलों ने एक बार फिर निवेशकों को सोने-चांदी की ओर मोड़ा है। वरिष्ठ बाजार विश्लेषकों के अनुसार, सोने का ₹12,75,00 प्रति 10 ग्राम से ऊपर का ब्रेकआउट एक मजबूत तेजी का संकेत है, लेकिन मौजूदा स्तर पर निवेश में सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।
धातु सपोर्ट स्तर रेज़िस्टेंस स्तर
सोना(₹/10 ग्राम)₹12,00,00-₹11,50,00 ₹12,75,00-₹13,15,00
चांदी(₹/किलो) ₹1,43,000-₹1,37,000 ₹1,58,000- ₹1,62,000
छत्तीसगढ़ में पारंपरिक व्यापार पर दबाव..

त्योहारी मांग ने भले ही बाजार में थोड़ी रौनक बढ़ाई हो, लेकिन स्थानीय सराफा व्यापारियों के अनुसार, बड़ी कंपनियों के डिजिटल और थोक व्यापार मॉडल ने पारंपरिक व्यवसाय पर भारी दबाव बना दिया है। उपभोक्ताओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दिए जा रहे आकर्षक लेकिन भ्रमित करने वाले ऑफर उनके लिए नुकसानदेह साबित हो रहे हैं।
सराफा एसोसिएशन की मांग : पारंपरिक व्यापार को मिले संरक्षण..

छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कमल सोनी ने बताया कि कल, 14 अक्टूबर को विश्व मानक दिवस के अवसर पर भारतीय मानक ब्यूरो और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में उन्हें मंच से अपनी बात रखने का स्वर्णिम अवसर मिल रहा है। “यह मौका सराफा व्यापारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हम पूरी आशा के साथ सरकार के सामने अपनी चिंता और सुझाव रखेंगे,”
कमल सोनी, अध्यक्ष, सराफा एसोसिएशन छ. ग.
मुख्यमंत्री से प्रतिनिधिमंडल की भेंट: ये होंगी मुख्य माँगें..
पारंपरिक सराफा व्यापार को संरक्षण नीति में शामिल किया जाए।
राज्य में स्वर्ण आभूषण व्यापार के लिए स्वतंत्र नीति बनाई जाए।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा मूल्य हेराफेरी और अनुचित प्रतिस्पर्धा पर रोक।
छोटे व्यापारियों के लिए ब्याजमुक्त ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
एसोसिएशन के प्रवक्ता के अनुसार, राज्य सरकार से अपेक्षा है कि वो स्थानीय व्यापारियों के हित में स्पष्ट और मजबूत नीति बनाएगी, जिससे पारंपरिक व्यवसायों का अस्तित्व सुरक्षित रह सके।
तेजी के बीच संतुलन की ज़रूरत..
जहां अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह तेजी निवेशकों के लिए लाभ का अवसर बन सकती है, वहीं छत्तीसगढ़ जैसे पारंपरिक बाजारों में यह परिस्थिति संघर्ष और चिंता का कारण बन रही है।
अब सबकी निगाहें 14 अक्टूबर को मुख्यमंत्री से होने वाली मुलाकात पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि प्रदेश सरकार सराफा व्यापार को लेकर किस दिशा में कदम बढ़ाती है।


