बिलासपुर। ग्रामीण क्षेत्रों में राशन कार्ड बनाने में गड़बड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हाल ही में एक और गंभीर मामला उजागर हुआ है, जिसमें आधी रात को राशन कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसमें खाद्य विभाग के अलावा जनपद और नगर पालिका की आईडी का उपयोग किया जा रहा है।
लेनदेन और भ्रष्टाचार के आरोप
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस प्रक्रिया में लेनदेन की बात भी सामने आ रही है। मीडिया को मिले दस्तावेजों में गड़बड़ी स्पष्ट हो गई है। बिल्हा ब्लॉक के ग्राम गतौरा में आनंद कुमार राठौर के नाम 223759640773 नंबर से रात 12:22 बजे राशन कार्ड जारी किया गया है। इसी तरह, ग्राम फरहदा निवासी सरस्वती पटेल के नाम पर 223753847357 नंबर से रात 12:12 बजे राशन कार्ड अपलोड किया गया है।
राशन कार्ड बनाने का समय और प्रक्रिया पर सवाल
अधिकांश राशन कार्ड रात के समय बनाए जा रहे हैं और कुछ कार्ड तो सुबह-सुबह अपलोड किए गए हैं। स्पष्ट है कि जिन लोगों ने यह राशन कार्ड बनाए हैं, उनके पास संबंधित अधिकारी की आईडी होगी और यह कार्य किसी निजी संस्थान से जारी किए जा रहे हैं।
अधिकारियों की अनदेखी
इधर, जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि पंचायत निकाय चुनाव नजदीक होने के कारण इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। अधिकारी अनुराग भदौरिया के इस बयान ने संदेह पैदा कर दिया है और प्रशासनिक व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा कर दिया है।
सरकार की प्राथमिकता में राशन कार्ड योजना है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार हर परिवार के लिए राशन उपलब्ध करा रही है और यह सरकार की प्राथमिक योजनाओं में से एक है। बीपीएल परिवारों को हर माह मुफ्त में राशन उपलब्ध कराया जाता है और एपीएल परिवारों को 10 किलो के हिसाब से हर माह अधिकतम 35 किलो चावल दिया जाता है।
विभागीय अधिकारियों की मनमानी
विभागीय अधिकारियों पर आरोप है कि वे कार्ड बनाने में मनमानी कर रहे हैं और हितग्राहियों के दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर रहे हैं। सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना को शपथ लगाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।
इस मामले में आईपी एड्रेस की जांच की जा रही है जिससे इस गड़बड़ी का पर्दाफाश हो सकता है । साथ ही संलिप्त अधिकारियो के चेहरे बेनकाब हो सकते है।

