धर्मनगरी रतनपुर में चर्च के उद्घाटन पर गरमाई राजनीति, धर्मांतरण पर नेताओं में जुबानी जंग..

बिलासपुर। कोटा क्षेत्र में धर्मांतरण का मुद्दा अब तीव्र राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है। हाल ही में रतनपुर में एक चर्च के उद्घाटन और धर्मांतरण की गतिविधियों को लेकर विवाद शुरू हुआ, जिसमें भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने एक-दूसरे पर तीखे हमले किए हैं। इस राजनीतिक घटनाक्रम ने कोटा और आसपास के क्षेत्रों में हलचल मचा दी है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव की चुनौती का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के संरक्षण में सरकारी जमीनों पर चर्च बनाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सुशांत ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि जरूरत पड़ी तो “योगी बाबा के मॉडल” का बुलडोजर चलाया जाएगा। उनका यह बयान कांग्रेस के खिलाफ एक सख्त संदेश माना जा रहा है। सुशांत ने कहा कि ईसाई मिशनरी द्वारा धर्मांतरण का कुचक्र जो चलाया जा रहा है, वह सहन नहीं होगा।
दूसरी ओर, कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव ने प्रबल प्रताप सिंह जूदेव पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें जशपुर में रहकर काम करना चाहिए और कोटा में इस प्रकार की “गुंडागर्दी” नहीं चलेगी। अटल ने कहा कि वह कोटा की शांति और सौहार्द को भंग करने की कोशिशों को नाकाम करेंगे। इस बयान के बाद से दोनों दलों में खासी बयानबाजी देखने को मिल रही है।
इस विवाद का आरंभ भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के उस बयान से हुआ जिसमें उन्होंने कोटा के बंगलाभाटा क्षेत्र में धर्मांतरण का आरोप लगाया था। जूदेव ने कहा कि कोटा क्षेत्र में धर्मांतरण की घटनाओं की जांच होनी चाहिए और घर वापसी अभियान को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
इस मुद्दे पर विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष हर्ष छाबरिया ने भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता प्रबल जूदेव ने कोटा में नहीं बल्कि कोटमी में “घर वापसी” कराई थी। छाबरिया के अनुसार, उन्होंने भी कोटमी में “घर वापसी” का एक आयोजन किया था और इस अभियान को भविष्य में और भी विस्तारित किया जाएगा।
भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि “कोटा में नहीं बल्कि कोटमी में घर वापसी का अभियान चलाया गया था। हम जल्द ही कोटा में भी इस अभियान को चलाएंगे।”
इस विवाद पर प्रतिक्रिया के लिए जब बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

