“One tree in the name of mother” campaign: Massive tree plantation will be done in Bilaspur, environmental protection will get a new dimension..

भू-जल संरक्षण, हरियाली और जनभागीदारी पर ज़ोर..कलेक्टर ने उद्योगपतियों व अधिकारियों संग की समीक्षा बैठक..
बिलासपुर, 28 मई 2025 । पर्यावरणीय असंतुलन, गिरता भू-जल स्तर और लगातार बढ़ते तापमान जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए बिलासपुर जिला प्रशासन ने एक अभिनव पहल की है। कलेक्टर संजय अग्रवाल के नेतृत्व में जिले में “एक पेड़ मां के नाम” के तहत वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य न केवल पर्यावरण संरक्षण है, बल्कि जनभागीदारी और सामुदायिक उत्तरदायित्व को भी प्रोत्साहित करना है।

इस अभियान की तैयारी और सहयोग सुनिश्चित करने के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें जिले के प्रमुख उद्योगपतियों, सामाजिक संगठनों, महिला स्व-सहायता समूहों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, एडीएम शिव कुमार बनर्जी, लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष हरीश केड़िया, प्रेस क्लब के अध्यक्ष इरशाद अली, एनटीपीसी और अन्य औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

प्रकृति और प्रगति में संतुलन ज़रूरी: कलेक्टर..
बैठक को संबोधित करते हुए कलेक्टर अग्रवाल ने कहा, “जैसे उद्योगों का विकास आवश्यक है, वैसे ही प्रकृति का संरक्षण भी उतना ही जरूरी है। हमें विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन कायम रखना होगा।” उन्होंने जिले के सभी औद्योगिक संस्थानों से सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत इस अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की।
कलेक्टर ने प्रत्येक औद्योगिक इकाई को कम से कम 10,000 पौधे लगाने का लक्ष्य दिया और यह भी स्पष्ट किया कि यह केवल संख्या की बात नहीं है, बल्कि पौधों की सुरक्षा और सतत देखभाल भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि फलदार वृक्षों को प्राथमिकता दी जाए और स्व-सहायता समूहों को इनकी देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी जाए, जिससे ग्रामीण महिलाओं को भी आजीविका का एक नया स्रोत मिल सके।
गौठान और औद्योगिक क्षेत्र बनेंगे हरित हब..
कलेक्टर ने गौठानों को वृक्षारोपण, जल संरक्षण और वाटर रीचार्जिंग के केंद्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन स्थलों पर सोखता गड्ढे, वर्षा जल संचयन और अन्य जल संरक्षण उपायों के माध्यम से भू-जल स्तर में सुधार लाया जा सकता है।
विशेष रूप से सिरगिट्टी, तिफरा और सिलपहरी जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण की आवश्यकता बताई गई। इन क्षेत्रों में वृक्षारोपण के साथ-साथ उनकी सुरक्षा और देखभाल की भी ठोस व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
स्थानीय नर्सरियों और योजनाओं को मिलेगा बढ़ावा..
कलेक्टर ने बड़े उद्योगों को स्थानीय स्तर पर नर्सरियां विकसित करने के निर्देश दिए, ताकि वृक्षारोपण के लिए पर्याप्त और उपयुक्त पौध सामग्री आसानी से उपलब्ध हो सके। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि इस अभियान की सफलता सामूहिक भागीदारी, जन-जागरूकता और सामाजिक सरोकार से ही संभव है।
उद्योगपतियों ने दी सहयोग की प्रतिबद्धता..
बैठक में विभिन्न औद्योगिक संगठनों ने अब तक किए गए वृक्षारोपण कार्यों की जानकारी साझा की और भविष्य के लिए अपनी योजनाएं भी प्रस्तुत कीं। कलेक्टर ने सभी संस्थानों से विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए और कहा कि जल संरक्षण एवं पर्यावरण संवर्धन में औद्योगिक क्षेत्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कलेक्टर अग्रवाल ने अंत में उन संस्थानों और संगठनों की सराहना की, जिन्होंने पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि “एक पेड़ मां के नाम” अभियान जिले को हराभरा और जल-समृद्ध बनाने की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित होगा।

