Oh God, after the change of government, the government land reserved for the college was allotted to Rajesh Aggarwal (Rama Buildcon) on back date.

रायपुर : यह एक ऐसा मामला है जिसमें अमलीडीह में कॉलेज के लिए आरक्षित करीब 9 एकड़ सरकारी जमीन बिल्डर को आबंटित कर दी गई। यह पूरी प्रक्रिया गुपचुप तरीके से हुई है, और अब जमीन आबंटन की जानकारी मिलने पर ग्रामीण भडक़ गए हैं। उन्होंने तत्काल आबंटन निरस्त करने के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है, और कल से धरना-प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है।
रायपुर नगर निगम सीमा के गांव अमलीडीह में 3.203 हेक्टेयर यानी करीब 9 एकड़ जमीन सरकारी कॉलेज के लिए आरक्षित की गई थी। सरकारी कॉलेज अभी स्कूल बिल्डिंग में संचालित है। पिछली सरकार में रायपुर ग्रामीण के विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कॉलेज जमीन के लिए सरकारी जमीन आरक्षित कराई थी। इस जमीन पर बिल्डरों की भी नजर रही है, और एक बड़े बिल्डर रामा बिल्डकॉन के संचालक राजेश अग्रवाल ने उस समय आरक्षित जमीन के आबंटन के लिए आवेदन किया था। न सिर्फ रामा बिल्डकॉन बल्कि इस्कॉन मंदिर ट्रस्ट ने भी उक्त जमीन के लिए आवेदन किया था। पिछली सरकार में सरकारी जमीन की नीलामी की नीति रही है। चूंकि कॉलेज बिल्डिंग-खेल मैदान के लिए आरक्षित होने की वजह से बिल्डर के आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई थी।
बताया गया कि सरकार बदलने के बाद प्रभावशाली लोगों ने बिल्डर को उक्त जमीन को आबंटित करने के लिए पहल की। इसके बाद इसका तोड़ निकालते हुए रामा बिल्डकॉन के पुराने आवेदन पर कार्यवाही करते हुए उन्हें आबंटित कर दी गई। यह आबंटन 28 जून को राजस्व विभाग ने किया है। खास बात यह है कि सब कुछ आबंटन पिछली सरकार की नीति के मुताबिक किया गया। सरकार बदलने के बाद सरकारी जमीन के आबंटन, और फ्री होल्ड संबंधी सभी निर्देशों को 11 जुलाई को निरस्त कर दिया गया। चर्चा है कि जमीन का आबंटन आदेश जारी होने से पहले बैक डेट में किया गया। कॉलेज की जमीन बिल्डर को आबंटित होने की खबर अब जाकर ग्रामीणों को हुई है, और ग्रामीणों के द्वारा इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है। और आज से इसे लेकर धरना प्रदर्शन शुरू करने की बात कह रहे हैं।

