NTPC Sipat Plant: 24 years later, still unfulfilled hopes, helpless villagers say no one listens…

बिलासपुर, सीपत:एनटीपीसी सीपत प्लांट की स्थापना के 24 साल बाद भी क्षेत्र के ग्रामीणों की उम्मीदें आज भी अधूरी हैं। क्षेत्र के ग्रामीण रोजगार, स्वच्छ पानी, स्वास्थ्य सेवाओं और प्रदूषण नियंत्रण जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं।
स्थापना पर बड़े वादे, लेकिन अधूरी उम्मीदें..
2002 में स्थापित एनटीपीसी सीपत प्लांट से ग्रामीणों को रोजगार और विकास की बड़ी उम्मीदें थीं। हालांकि, 24 साल बीतने के बाद भी इन वादों पर अमल नहीं हो सका। ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट के चलते उनकी जमीन और फसलें बर्बाद हो हो रही है।
प्रदूषण बना सबसे बड़ी समस्या..
प्लांट से निकलने वाले प्रदूषण ने गांवों में जल और वायु की गुणवत्ता को बेहद खराब कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्लांट के आसपास रहने वाले लोग जलजनित बीमारियों, त्वचा रोगों और सांस की समस्याओं से जूझ रहे हैं। फसलों पर पड़ रहा प्रदूषण का असर उनकी आजीविका को नुकसान पहुंचा रहा है।
पानी की किल्लत और खराब गुणवत्ता..
ग्रामीणों का कहना है कि जिस पानी का उपयोग प्लांट के अधिकारी तक नहीं करते, वही उन्हें पीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। स्वच्छ पानी की मांग को लेकर हाल ही में कई गांवों में प्रदर्शन हुए।
रोजगार की उम्मीदें भी अधूरी..
प्लांट के निर्माण के समय स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का वादा किया गया था। लेकिन 24 साल बाद भी यह वादा पूरा नहीं हो सका। ग्रामीणों ने रोजगार मेले के आयोजन और स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग की है।
ग्रामीणों का प्रदर्शन और प्रबंधन से नाराजगी..
ग्रामीणों ने हाल ही में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर अपनी समस्याओं को को लेकर मांग हल्ला बोल किया उनका कहना है कि अब समय आ गया है कि एनटीपीसी प्रबंधन अपनी जिम्मेदारियां निभाए।
प्रबंधन की चुप्पी सवालों के घेरे में..
ग्रामीणों का गुस्सा इस बात को लेकर भी है कि बार-बार शिकायतें करने और प्रदर्शन करने के बावजूद प्रबंधन से कोई ठोस जवाब नहीं मिला।

