NSUI’s protest against reservation scam in the university, demands FIR from the police..
बिलासपुर: संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती के अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में आरक्षण नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर छात्र राजनीति गरमा गई है। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई और जिम्मेदार लोगों पर तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं कोनी थाने पहुंचे और थाना प्रभारी किशोर केवट को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में विश्वविद्यालय की भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण रोस्टर में हुई कथित गड़बड़ी का विस्तार से उल्लेख किया गया है। रंजेश सिंह ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने जानबूझकर अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए आरक्षित पदों को भरा हुआ दिखाया है, जबकि हाईकोर्ट में मामला अभी भी विचाराधीन है। उन्होंने इस हरकत को एससी वर्ग के छात्रों के अधिकारों का सरासर हनन बताया।
एनएसयूआई नेता ने इस पूरे मामले को गंभीर अनियमितता, वित्तीय भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही बताया हैऔर मांग की कि दोषियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ राज्य के कानूनों के तहत आपराधिक कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि गड़बड़ी से संबंधित तमाम दस्तावेज़ पुलिस को सौंप दिए गए हैं।
छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि मंगलवार तक दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे विश्वविद्यालय परिसर में “शांति हवन” और “तेरहवीं” जैसे प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन करेंगे, जिसके बाद एक उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। रंजेश सिंह ने विश्वविद्यालय प्रशासन को ललकारते हुए कहा कि अगर उनमें ज़रा भी संवेदनशीलता बची है तो वे सामने आकर इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखें, अन्यथा छात्र उन्हें ‘मृत’ मानकर आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने 15 अप्रैल को विश्वविद्यालय में तालाबंदी कर प्रदर्शन करने की भी घोषणा की है।
कोनी थाना प्रभारी किशोर केवट ने छात्रों का ज्ञापन स्वीकार करते हुए मामले की निष्पक्ष जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। ज्ञापन सौंपने वाले छात्रों में पुष्पराज साहू, करन यादव, ओमप्रकाश मानिकपुरी, कार्तिक साहू, मिट सोनवानी और आकाश सोनवानी प्रमुख थे।

