NSUI का अटल विश्वविद्यालय में जोरदार प्रदर्शन..दीक्षांत समारोह की अनियमितताओं पर प्रबंधन को दिखाया आईना, कुलसचिव ने स्वीकार की गलतियाँ..

बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में लगातार सामने आ रही अनियमितताओं, छात्रों से हो रहे आर्थिक दोहन और दीक्षांत समारोह के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये के दुरुपयोग के खिलाफ एनएसयूआई ने आज एक प्रभावी और उच्चस्तरीय विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदेश सचिव रंजेश सिंह के नेतृत्व में आयोजित यह विरोध नुक्कड़ सभा, नारेबाजी और बाजे-गाजे के साथ हुआ, जिसने विश्वविद्यालय प्रबंधन और उच्च शिक्षा विभाग पर तीखा सवाल खड़ा किया।

दीक्षांत समारोह पर गंभीर आरोप – निविदा प्रक्रिया में मनमानी..

एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि दीक्षांत समारोह की तैयारियों में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता और नियमों की अवहेलना की गई है। संगठन के अनुसार विश्वविद्यालय ने बिना निविदा प्रकाशित किए ही टेंडर जारी कर दिया। विरोध के बाद महज़ 48 घंटे के लिए निविदा प्रकाशित की गई, जबकि नियमों के अनुसार कम से कम 21 दिन का प्रकाशन अनिवार्य है। टेंडर की अंतिम तिथि पूरी होने से पहले ही डोम/टेंट लगाने का कार्य शुरू करा दिया गया, जिससे प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गहरे सवाल उठे।अन्य व्यवस्थाओं में भी किसी वैध प्रक्रिया के पालन के प्रमाण नहीं मिले। एनएसयूआई ने इसे पूर्व-निर्धारित ठेकेदार को लाभ पहुँचाने की कोशिश करार दिया।

कुलसचिव सामने आए, गलती मानी, कार्रवाई का आश्वासन..

एनएसयूआई के बढ़ते दबाव और छात्रों की भारी उपस्थिति को देखते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. तारनीश गौतम स्वयं बाहर आए। उन्होंने दीक्षांत समारोह की तैयारियों में हुई त्रुटियों को स्वीकार किया। सभी कार्यों को भविष्य में पारदर्शिता के साथ करने का आश्वासन दिया।नियमों का उल्लंघन करने वाले सभी अधिकारियों/समिति सदस्यों पर कार्रवाई करने का वादा भी किया।

एनएसयूआई ने आश्वासन मिलने के बाद कार्यक्रम शांतिपूर्वक समाप्त किया, किन्तु चेतावनी दी कि छात्रों के अधिकारों से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

यदि दुरुपयोग नहीं रुका, तो आंदोलन और उग्र होगा – एनएसयूआई

एनएसयूआई ने साफ कहा कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन अनियमितताओं पर रोक नहीं लगाता,छात्रहित में फैसले नहीं लेता और छात्रों के पैसे का सही उपयोग सुनिश्चित नहीं करता तो संगठन सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि आंदोलन के उग्र होने की स्थिति में इसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।

छात्र नेताओं की बड़ी मौजूदगी, ज्ञापन सौंपा गया..

प्रदर्शन के दौरान रंजेश सिंह, पुष्पराज साहू, करन यादव, राजा खान, ओमप्रकाश बंजारे, पंकज सोनवानी, विशु साहू, अंशु गोस्वामी, हरदेव साहू, सुदामा साहू, गौकरण, भूमिकाराज, अक्षय त्रिपाठी, सुमित कुमार, शशांक भार्गव, अभिजीत साहू, अंशु सहित सैकड़ों छात्र नेता मौजूद रहे।

सभी ने मिलकर कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा और छात्र हितों की सुरक्षा की मांग दोहराई।