एनएसयूआई ने किया पं. सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय का घेराव – पीएचडी, बीएड व डीएलएड प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर कुलपति को सौंपा ज्ञापन..

छात्रों के अधिकारों पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं होगा- एनएसयूआई प्रदेश सचिव रंजेश सिंह..

सेट पास छात्रों के साथ भेदभाव का आरोप, पुनर्मूल्यांकन में अनियमितता की जांच की मांग..

बिलासपुर। एनएसयूआई ने आज पं. सुंदरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय, बिलासपुर में पीएचडी, बीएड और डीएलएड प्रवेश प्रक्रियाओं में हुई कथित गड़बड़ियों को लेकर कुलपति कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान एनएसयूआई प्रदेश सचिव रंजेश सिंह के नेतृत्व में छात्र नेताओं ने कुलपति को ज्ञापन सौंपकर विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर कड़ा विरोध जताया।

रंजेश सिंह ने आरोप लगाया कि पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में सीजी सेट (CG SET) उत्तीर्ण छात्रों के साथ भेदभाव किया गया है। उन्होंने कहा कि जैसे नेट (NET) या अन्य राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों को प्रवेश परीक्षा से छूट मिलती है, वैसे ही राज्य के सेट पास छात्रों को भी छूट मिलनी चाहिए। परंतु विश्वविद्यालय प्रशासन ने नियमों की अनदेखी करते हुए उन्हें परीक्षा देने के लिए मजबूर किया है। यह प्रदेश के छात्रों के साथ अन्याय है। जबकि पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर और गुरु घासीदास विश्वविद्यालय जैसे संस्थान सेट पास अभ्यर्थियों को छूट दे रहे हैं,- रंजेश सिंह, प्रदेश सचिव, एनएसयूआई

न्होंने यह भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद को अधूरी जानकारी देकर गुमराह किया गया, जिससे सेट पास छात्रों को उनका वैधानिक अधिकार नहीं मिल पाया। रंजेश सिंह ने चेतावनी दी कि एक सप्ताह के भीतर स्थिति स्पष्ट नहीं होने पर एनएसयूआई उग्र आंदोलन करेगी।

बीएड और डीएलएड पुनर्मूल्यांकन में वित्तीय अनियमितता का आरोप..

ज्ञापन में दूसरा प्रमुख मुद्दा बीएड और डीएलएड प्री परीक्षा से जुड़ा था। रंजेश सिंह ने कहा कि बिना निविदा प्रक्रिया के बाहरी एजेंसी से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया गया, जिससे विश्वविद्यालय पर अनावश्यक वित्तीय भार पड़ा है। उन्होंने इसकी उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।

कुलपति ने दिया जवाब – सेट पास छात्रों को मिलेगा उनका अधिकार..

इस पर कुलपति ने कहा कि यदि अन्य विश्वविद्यालय सेट पास अभ्यर्थियों को छूट दे रहे हैं, तो पं. सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय भी उसी का पालन करेगा। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी बाहरी एजेंसी से उत्तर पुस्तिका जांच नहीं कराई गई, बल्कि आपत्तियों के निराकरण के बाद परिणाम जारी किए गए हैं, जिससे विश्वविद्यालय पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ा।

हालाँकि, एनएसयूआई ने कहा कि यह तथ्य दस्तावेज़ों के अवलोकन के बाद ही स्पष्ट होगा। यदि जांच में गड़बड़ी पाई गई, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जाएगी।

छात्रों की आवाज़ है एनएसयूआई – रंजेश सिंह..

अंत में एनएसयूआई प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने कहा, कि एनएसयूआई छात्रों की आवाज़ है। जब भी किसी छात्र के अधिकारों पर प्रहार होगा, हम सड़कों पर उतरने से नहीं हिचकिचाएंगे।

ज्ञापन सौंपने के दौरान एनएसयूआई के कई पदाधिकारी एवं छात्र नेता उपस्थित रहे, जिनमें पुष्पराज साहू, करण यादव, वेद राठौर, राजा खान, सुनील श्रीवास, सुदामा साहू, आयुष तिवारी, आशीष यादव, आकाश वर्मा सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल थे।