बिलासपुर। लोक आस्था और मातृत्व के पावन पर्व हलषष्ठी (खमरछठ) के अवसर पर बिलासपुर के पन्ना नगर में महिलाओं ने पूरे विधि-विधान के साथ व्रत रखकर संतान की दीर्घायु की कामना की। यह पर्व पारंपरिक रूप से माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए मनाती हैं।

इस अवसर पर कल्पना चौहान और गंगा के नेतृत्व में मित्र मंडली ग्रुप की महिलाओं ने एकत्र होकर सामूहिक पूजा का आयोजन किया। महिलाओं ने अपने घर-आंगन में प्रतीकात्मक सगरी बनाकर उसमें श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की। सगरी में कांस के फूल, मिट्टी की चुकिया, लाई, महुआ, और दोना-पत्तल में नैवेद्य रखकर हलषष्ठी देवी को अर्पित किया गया।
पर्व के उपलक्ष्य में महिलाओं ने एक कृत्रिम तालाब भी तैयार किया, जिसे रंग-बिरंगे फूलों और पारंपरिक सजावट से सुसज्जित किया गया। पूरे वातावरण में लोक परंपरा, श्रद्धा और उत्साह की झलक साफ देखी गई। व्रती महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर दिनभर पूजा की और हलषष्ठी देवी की कथाएं सुनीं।

मित्र मंडली ग्रुप की सदस्यों ने बताया कि यह पर्व छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति का एक अहम हिस्सा है और इसे हर साल भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से संतान को लंबी उम्र, अच्छा स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
पूरे आयोजन में पन्ना नगर की दर्जनों महिलाओं ने हिस्सा लिया और मिलजुल कर इस पारंपरिक पर्व को पूरे उल्लास के साथ मनाया। सामूहिक रूप से मनाया गया यह आयोजन सामाजिक समरसता और पारंपरिक मूल्यों को संजोने का एक सुंदर उदाहरण रहा।
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