मेमू ट्रेन हादसा : 23 दिन बाद सस्पेंड महिला पायलट का बयान, पर्दे की वजह से नहीं दिखी मालगाड़ी..

बिलासपुर। गेवरा-बिलासपुर मेमू ट्रेन हादसे के 23 दिन बाद रेलवे के मुख्य सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) बीके मिश्रा दोबारा बिलासपुर पहुँचे। उन्होंने 4 नवंबर को हुए हादसे में घायल और सस्पेंड असिस्टेंट लोको पायलट (एएलपी) रश्मि राज का अस्पताल जाकर करीब दो घंटे तक बयान लिया।

हादसे के समय एएलपी रश्मि राज भी ट्रेन में सवार थीं और गंभीर रूप से घायल हुई थीं। उनका इलाज अब रेलवे अस्पताल में चल रहा है।

सीनियर डीसीएम अनुराग कुमार सिंह ने बताया कि सीआरएस बीके मिश्रा ने रेलवे अस्पताल में सहायक लोको पायलट रश्मि राज का बयान लेने के बाद मंडल ऑफिस में कुछ अन्य अधिकारियों के भी बयान दर्ज किए हैं।

पहले ही हो चुकी है लापरवाही की पुष्टि..

हादसे के बाद रेलवे के प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर ने भी रश्मि राज का बयान लिया था, जिसके आधार पर उन्हें सस्पेंड किया गया था। रश्मि राज ने अपने बयान में बताया था कि हादसे से ठीक पहले सिग्नल ‘यलो’ था और स्टेशन मास्टर ने अगला सिग्नल ‘ओके’ होने की जानकारी दी थी।

उनके मुताबिक, ट्रेन आगे बढ़ चुकी थी, लेकिन लोको कैब में सामने लगा सनलाइट पर्दा अचानक गिर गया। जब वह पर्दा हटा रही थीं, तभी ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी दिखी। उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगाए, लेकिन ट्रेन नहीं रुकी और मालगाड़ी से टकरा गई।

12 यात्रियों की हुई थी मौत..

यह भयानक हादसा 4 नवंबर को शाम 4 बजे के आसपास तब हुआ, जब तेज रफ्तार कोरबा पैसेंजर ट्रेन गतौरा रेलवे स्टेशन के लाल खदान के पास उसी रूट पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। टक्कर इतनी भयंकर थी कि पैसेंजर ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया। इस हादसे में लोको पायलट विद्यासागर सहित 12 यात्रियों की मौत हो गई थी और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे।

सीआरएस बीके मिश्रा इससे पहले 5 नवंबर को भी बिलासपुर आए थे और 50 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों के बयान दर्ज किए थे। संभवतः सीआरएस की जांच रिपोर्ट अब अंतिम चरण पर है और जल्द ही हादसे की आधिकारिक रिपोर्ट आने की संभावना है।