महिला आयोग की जनसुनवाई में बड़ा फैसला : रेरा से फंसी महिला को मिले 50 लाख रुपये वापस, सुलझे कई मामले..

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने शुक्रवार को जिला पंचायत भवन में महिला उत्पीड़न से संबंधित 22 प्रकरणों पर जनसुनवाई की। इस सुनवाई के दौरान कई महत्वपूर्ण मामलों का निपटारा किया गया। एक बड़े मामले में, आयोग के दखल के बाद एक आवेदिका को रेरा (RERA) के जरिए फंसी अपनी 50 लाख रुपये की राशि वापस मिल गई।

आयोग में शिकायत के बाद लौटी मोटी रकम..

आवेदिका ने बताया कि उन्होंने जब महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई, तभी अनावेदक ने उन्हें 50 लाख रुपये की पूरी राशि वापस कर दी है। राशि वापस मिलने के बाद आवेदिका ने अपना आवेदन वापस लेने की बात कही, जिसके आधार पर आयोग ने प्रकरण को नस्तीबद्ध (फाइल क्लोज) कर दिया।

इन बड़े मामलों का हुआ निपटारा..

जनसुनवाई में अन्य कई मामले भी आपसी सहमति और आयोग के हस्तक्षेप से सुलझाए गए :

माफी मांगने पर समझौता: एक प्रकरण में, आवेदिका ने बताया कि आंतरिक परिवाद समिति ने अनावेदक को दोषमुक्त कर दिया था। आवेदिका ने कहा कि अगर अनावेदक माफी मांग लेता है, तो वह अपील वापस ले लेगी। अनावेदक ने आयोग के सामने माफी मांगी, जिसके बाद आवेदिका ने अपील वापस ली और मामला खत्म हो गया।

खेल परिसर में मिला टाइम स्लॉट : एक महिला खिलाड़ी की तरफ से जिला खेल परिसर में महिला खिलाड़ियों के लिए टाइम स्लॉट देने का आवेदन दिया गया था। खेल परिसर में निर्माण कार्य के चलते देरी हो रही थी, लेकिन अनावेदक ने निर्माण पूरा होने के बाद महिला खिलाड़ियों के लिए टाइम स्लॉट देने का आश्वासन दिया। इसके बाद यह प्रकरण भी नस्तीबद्ध कर दिया गया।

उच्चाधिकारी ने खेद जताया : एक महिला कर्मचारी ने अपने उच्चाधिकारी (अनावेदक) पर शासकीय दौरे के दौरान व्यक्तिगत टिप्पणी करने की शिकायत की थी। अनावेदक ने कहा कि वह सामूहिक रूप से काम में लापरवाही के लिए डांटते हैं, व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करते। हालांकि, अनावेदक ने आवेदिका को लगी ठेस पर खेद व्यक्त किया और भविष्य में शब्दों पर संयम रखने की बात कही। आवेदिका ने आगे कोई कार्रवाई न चाहने की बात कही, जिसके बाद यह प्रकरण भी बंद कर दिया गया।

सखी सेंटर को सौंपी गई बड़ी जिम्मेदारी..

भरण-पोषण के एक मामले में, आवेदिका ने बताया कि अनावेदक केवल बातें करते हैं, लेकिन खर्च नहीं देते और उनके कई महिलाओं से अनैतिक संबंध हैं। अनावेदक ने सुलह के लिए अंतिम मौका माँगा। आयोग ने अनावेदक को 15 दिन के अंदर सखी सेंटर (मीनाक्षी पाण्डेय) के पास सुलह वार्ता के लिए उपस्थित होने का अंतिम अवसर दिया। आयोग ने साफ कहा कि अगर अनावेदक सुलह का प्रयास नहीं करते हैं, तो आवेदिका उनके खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा सकेंगी। सखी सेंटर को 15 दिन में इसकी रिपोर्ट आयोग को देने का निर्देश दिया गया है।