जशपुर । छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में वन विभाग ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए वन माफिया की कमर तोड़ने का काम किया है। कुनकुरी तहसील के महुआटोली, कंडोरा और गिरलडीह गांवों में अचानक की गई छापेमारी में 100 घन मीटर से अधिक अवैध इमारती लकड़ी जब्त की गई। इस कार्रवाई से न सिर्फ क्षेत्र में सक्रिय अवैध लकड़ी माफियाओं में हड़कंप मच गया है, बल्कि यह संकेत भी गया है कि वन विभाग अब पूरी ताकत से गैरकानूनी गतिविधियों पर शिकंजा कसने के मूड में है।


यह छापेमारी वन मंडल अधिकारी शशि कुमार के नेतृत्व में की गई, जिन्हें लंबे समय से इन क्षेत्रों में अवैध लकड़ी के संग्रहण की गुप्त सूचना मिल रही थी। तड़के सुबह विभागीय टीम ने महुआटोली, कंडोरा और गिरलडीह में खेतों से लगे एक बड़े परिसर में छापा मारा। वहां भारी मात्रा में खमहार, साल, सागौन, शिशु और सेमल जैसी बहुमूल्य प्रजातियों की कटी हुई लकड़ी बरामद की गई।
बिना दस्तावेज़, बिना परमिट – पूरा स्टॉक अवैध

प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इस विशाल मात्रा में लकड़ी का न तो कोई वैध दस्तावेज़ था और न ही परिवहन के लिए परमिट। इसके अलावा मौके से एक महिंद्रा ट्रक (क्रमांक JH 01सीजे 2651) भी बरामद की गई, जिसमें शिशु प्रजाति की लकड़ी लदी थी। वाहन को जप्त कर विभागीय परिसर में खड़ा कर दिया गया है और वन अधिनियम के अंतर्गत विधिवत मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल जब्त लकड़ी की नापजोख और मूल्यांकन की प्रक्रिया जारी है।

इस कार्यवाही में उपवनमंडलाधिकारी कुनकुरी, परिक्षेत्र अधिकारी जशपुर, तपकरा, कुनकुरी, परिक्षेत्र सहायक तथा समस्त वनकर्मी सक्रिय रूप से शामिल रहे। यह एक संयुक्त, सुनियोजित और तेज़ कार्रवाई थी, जो यह दर्शाती है कि विभाग अब अवैध कटाई और माफिया नेटवर्क के खिलाफ रणनीतिक रूप से कदम उठा रहा है।
रायगढ़ और धरमजयगढ़ वनमण्डल के क्षेत्र में पहले ही की गई थी बड़ी कार्यवाही..
रायगढ़ वनमण्डल के घरघोड़ा में की गई कार्यवाही की फोटो..

यह उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी छत्तीसगढ़ के अन्य हिस्सों – विशेषकर रायगढ़ वन मंडल और धरमजयगढ़ वन मंडल में अवैध लकड़ी कारोबार पर तगड़ा प्रहार किया गया है।
धरमजयगढ़ वनमण्डल के बकारूमा परिक्षेत्र में की गई कार्यवाही की फोटो..

कुछ महीने पहले रायगढ़ वनमंडल ने एक अज्ञात गोदाम से 80 घन मीटर से अधिक सागौन और बांस की लकड़ी बरामद की थी, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लाखों में आंकी गई थी। वहीं धरमजयगढ़ वनमंडल में एक 18 चक्का ट्रक सहित चार दोपहिया वाहन जब्त किए गए थे, जिनमें अवैध लकड़ी ले जाई जा रही थी। इन दोनों कार्यवाहियों के बाद से ही वन माफिया की गतिविधियों पर अंकुश लगाने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
वन विभाग का सख्त संदेश – अब बख्शा नहीं जाएगा कोई..
जशपुर वन मंडल अधिकारी शशि कुमार ने कहा कि, “वन विभाग अवैध कटाई, संग्रहण और परिवहन जैसी गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ पूरी सतर्कता और सख्ती के साथ कार्य कर रहा है। भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयां निरंतर जारी रहेंगी। हम जनता से भी अपील करते हैं कि वे वन संपदा की सुरक्षा में सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें।”
वन विभाग ने साफ किया है कि बिना जनसहयोग के जंगलों को बचाना मुश्किल है। ऐसे में ग्रामीणों और स्थानीय नागरिकों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। यदि समय रहते इन गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो न केवल पर्यावरण बल्कि आने वाली पीढ़ियों की जैवविविधता भी खतरे में पड़ सकती है।
जशपुर, रायगढ़ और धरमजयगढ़ में हुई ये ताज़ा और पिछली कार्यवाहियां यह स्पष्ट करती हैं कि छत्तीसगढ़ का वन विभाग अब “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर काम कर रहा है। ऐसे में जो भी वन माफिया अब भी सक्रिय हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि कानून के शिकंजे से बचना अब संभव नहीं होगा।

