Land mafia’s game: Farmers troubled by demarcation dispute, make serious allegations against revenue department..

बिलासपुर। बिलासपुर जिले के तहसील बोदरी अंतर्गत वार्ड नंबर 3 में भूमि सीमांकन को लेकर गंभीर विवाद सामने आया है। भू-माफिया, राजस्व निरीक्षक (रा.नि.) और हल्का पटवारी की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए किसानों ने शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि बिना सूचना दिए अवैध सीमांकन कर पंचनामा तैयार किया गया और इसका उपयोग किसानों को प्रताड़ित करने के लिए किया जा रहा है।
शिकायत के अनुसार, मौजा क्रमांक 3 की भूमि खसरा नंबर 1561/1 (2.76 एकड़) और 1561/3 (0.16 एकड़) राजस्व अभिलेखों में मनमोहन कौशिक और खेदूराम के नाम पर दर्ज है। ये भूमि पूर्व में बद्री प्रसाद के नाम पर थी, जिसमें से लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा 1.40 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई। शेष भूमि खातेदारों के नाम पर दर्ज है।
हाल ही में खसरा नंबर 1560/1 और 1560/2 के स्वामी अमितेष आगरे ने सीमांकन आवेदन प्रस्तुत किया। इसके आधार पर राजस्व निरीक्षक और हल्का पटवारी ने बिना समीपस्थ किसानों को सूचित किए 11 दिसंबर 2023 को सीमांकन किया और पंचनामा तैयार कर तहसीलदार के समक्ष प्रस्तुत कर दिया।
सीमांकन की जानकारी मिलने पर समीपस्थ किसानों ने आपत्ति दर्ज की। उनका आरोप है कि सीमांकन के नाम पर मनमोहन कौशिक और अन्य किसानों को मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। सीमांकन रिपोर्ट में गड़बड़ी और पक्षपात का आरोप लगाते हुए किसानों ने कलेक्टर और तहसीलदार के समक्ष कई बार आवेदन प्रस्तुत किए, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि सीमांकन रिपोर्ट का उपयोग कर खसरा नंबर 1560/1 और 1560/2 के मालिक अमितेष आगरे अन्य खसरा नंबरों (1561/1, 1561/3) और राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिग्रहित भूमि पर बलपूर्वक कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा अर्जित भूमि भी इस विवाद का हिस्सा बन गई है।
शिकायत में राजस्व विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप
किसानों ने शिकायत में राजस्व निरीक्षक, हल्का पटवारी और भू-अर्जन विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बिना कानूनी प्रक्रिया पूरी किए सीमांकन किया गया और दस्तावेजों में हेरफेर कर किसानों को फंसाने की साजिश रची गई।

