रायपुर। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में वक्फ संपत्तियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को लेकर हड़कंप मचा है। केंद्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए UMEED पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन खत्म होने में अब सिर्फ 24 घंटे बचे हैं। इसी वजह से वक्फ बोर्ड दफ्तरों में भारी भीड़ उमड़ पड़ी है।

सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली मोहलत..
मुस्लिम नेताओं और संगठनों ने रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी। आज रामपुर के सांसद मोहिबुल नदवी ने भी समय बढ़ाने की मांग की है।
मध्य प्रदेश का हाल..
मध्य प्रदेश में कुल 15012 वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से अभी तक सिर्फ 7985 का ही प्राइमरी लेवल पर रजिस्ट्रेशन हो पाया है। वक्फ कमेटी के चेयरमैन अनवर पटेल ने बताया कि वक्फ एक्ट के तहत राज्य स्तर पर छह महीने और देने का प्रावधान है। ट्रिब्यूनल के जरिए भी समय बढ़ाया जा सकता है। पटेल ने यह भी कहा कि मेकर चेकर और अप्रूवल की प्रक्रिया तो है, लेकिन टेक्निकल दिक्कतों की वजह से काम में रुकावट आ रही है। उन्होंने आगे कहा कि बोर्ड के पास पहले से सारी जानकारी है, फिर भी सर्वर की समस्याएं सबसे बड़ी बाधा बन रही हैं।
छत्तीसगढ़ में भी वही स्थिति..
छत्तीसगढ़ में 4000 से ज्यादा वक्फ प्रॉपर्टी हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 5000 करोड़ रुपए से ज्यादा है। पोर्टल पर अब तक लगभग 2300 प्रॉपर्टीज ही रजिस्टर हो पाई हैं। रजिस्ट्रेशन में आ रही दिक्कतों को देखते हुए मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों से जुड़े मुतवल्ली रायपुर स्थित वक्फ बोर्ड ऑफिस पहुंच रहे हैं। फ्री रजिस्ट्रेशन के लिए ऑपरेटर सुबह से देर रात तक काम कर रहे हैं, लेकिन बार-बार सर्वर खराब होने और धीमा चलने से लोगों को परेशानी हो रही है। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सलीम राज ने बताया कि कई मुतवल्लियों ने लंबे समय से अपने दस्तावेज अपलोड नहीं किए थे, जिससे आखिरी समय में दिक्कतें बढ़ गईं।
उन्होंने दावा किया कि 60 प्रतिशत से ज्यादा रजिस्ट्रेशन पूरे हो चुके हैं। जिन संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन तय समय में नहीं हो पाएगा, उन पर बाद में फैसला लिया जाएगा। भोपाल के बड़े कब्रिस्तान का रजिस्ट्रेशन भी पूरा हो गया है। मुतवल्ली सैयद असद मकसूद ने बताया कि सारी जानकारी वक्फ बोर्ड को दी गई थी, जिसे बाद में पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया। तकनीकी बाधाओं के बीच आनन-फानन में काम निपटाने की कोशिश जारी है।

