Insurance claim of crores on the basis of fake death certificate, LIC caught a big fraud..same person died twice, investigation revealed an organized gang of agents..
बिलासपुर। बीमा कंपनी एलआईसी में करोड़ों रुपए के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। एक ही व्यक्ति की दो बार मौत दिखाकर डेथ क्लेम लेने की कोशिश की गई, जिससे एलआईसी को शक हुआ। जांच शुरू हुई तो बड़ा नेटवर्क सामने आया, जिसमें एजेंसी से जुड़े तीन एजेंट सहित सात लोग पकड़े गए हैं। गिरोह लंबे समय से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र और दस्तावेजों के सहारे बीमा क्लेम वसूल रहा था।
पुलिस के मुताबिक, फर्जीवाड़ा सुनियोजित ढंग से किया जा रहा था। पहले किसी व्यक्ति का बीमा कराया जाता, कुछ समय बाद उसका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर डेथ क्लेम ले लिया जाता। फिर उसी व्यक्ति के नाम से दोबारा बीमा करवाकर फिर क्लेम की कोशिश होती थी। इसी दौरान एलआईसी को संदेह हुआ और जांच में पूरी साजिश सामने आई।
गिरफ्तार आरोपियों में शुभम पटेल, राकेश कुमार और प्रवीण कुमार नाम के तीन एजेंट भी शामिल हैं। इनके अलावा चार अन्य आरोपियों को भी पकड़ा गया है। एजेंट अलग-अलग ब्रांच से जुड़े थे, जिससे ट्रैकिंग मुश्किल हो जाती थी। इनके पास से फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन और बीमा संबंधी रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं।
दो साल में दो बार क्लेम:
एक व्यक्ति की पहली पॉलिसी 2019 में ली गई थी, जिस पर 2021 में 25 लाख रुपए का डेथ क्लेम ले लिया गया। फिर उसी नाम से 2021 में नई पॉलिसी ली गई और 2023 में दोबारा क्लेम की कोशिश की गई, तभी फर्जीवाड़ा पकड़ा गया।
डेथ क्लेम के बाद तीन नई पॉलिसी:
एक अन्य केस में मौत का क्लेम लेने के कुछ ही महीनों बाद उसी नाम से तीन नई पॉलिसी शुरू कर दी गईं। यह काम एजेंटों की मिलीभगत से किया गया।
प्रीमियम जमा की तो खुली पोल:
एक मृतक की पॉलिसी का क्लेम लेने के बाद उसकी दूसरी पॉलिसी का प्रीमियम भरा जा रहा था। जब एलआईसी को यह जानकारी मिली, तो जांच में धोखाधड़ी की पुष्टि हो गई।
फिलहाल पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है। एलआईसी की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 420, 467, 468, 471 और 120-B के तहत मामला दर्ज किया गया है।

