बिलासपुर/रायपुर: क्षत्रिय राजपूत समाज छत्तीसगढ़ ने रायपुर पुलिस के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों पर क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह तोमर और उनके परिवारजनों, खासकर महिलाओं, के साथ हिरासत के दौरान अमानवीय अत्याचार, मारपीट, दुर्व्यवहार और अश्लीलता करने का गंभीर आरोप लगाया है।

इस पूरे मामले को लेकर समाज ने बिलासपुर कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डीजीपी छत्तीसगढ़ को ज्ञापन सौंपा है। समाज ने कहा है कि वे तोमर के अपराध का समर्थन नहीं करते, लेकिन पुलिस द्वारा किए गए मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन और महिलाओं के साथ अशोभनीय हरकतों के खिलाफ हैं। ज्ञापन में तत्काल उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई है।
पुलिस पर लगे ये संगीन आरोप..
समाज ने आरोप लगाया गया है कि गिरफ्तारी के बाद पुलिसकर्मियों ने तोमर, उनकी पत्नी श्रीमती भावना तोमर, माताजी और अन्य परिजनों के साथ लगातार मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न किया। आरोप है कि महिला के साथ अश्लील एवं निंदनीय हरकतें की गईं, जो मानवाधिकारों और पुलिस मैनुअल का खुला उल्लंघन है। इसके अतिरिक्त, वीरेंद्र सिंह तोमर के साथ सार्वजनिक स्थल पर मारपीट करना, रोड पर जुलूस निकालना और बीच सड़क पर उनके शरीर पर जूता रखकर राजपूत समाज को अपमानित करने जैसे आचरण किए गए।
राजपूत समाज की प्रमुख मांगे..
छत्तीसगढ़ राजपूत समाज ने प्रशासन से निम्नलिखित बिंदुओं पर त्वरित, कठोर और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है। थाना प्रभारी (टी.आई.) योगेश कश्यप को निलंबित कर, श्रीमती भावना तोमर के साथ कस्टडी में अश्लील हरकतें करने के दुस्साहस के लिए उनके विरुद्ध तुरंत आपराधिक प्रकरण (FIR) दर्ज किया जाए। संबंधित सीएसपी राजेश देवांगन को तत्काल निलंबित कर उनके विरुद्ध भी कठोर दंडात्मक कार्रवाई एवं FIR की जाए।
पुलिस अधीक्षक रायपुर (IPS) लाल उम्मेद सिंह को प्रशासनिक लापरवाही और कस्टोडियल उत्पीड़न की अध्यक्षता के लिए तत्काल प्रभाव से पदमुक्त किया जाए और उन पर भी संवैधानिक धाराओं के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत हो। सार्वजनिक दुर्व्यवहार करने वाले सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर उनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई एवं FIR की जाए। क्षत्रिय करणी सेना के पदाधिकारियों पर दर्ज आधारहीन और राजनीतिक प्रेरित प्रकरणों को तुरंत निरस्त किया जाए। तोमर परिवार को हुए आर्थिक एवं मानसिक नुकसान के लिए मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जाए और इसकी भरपाई दोषी अधिकारियों से की जाए। दर्ज मामलों की जांच के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच टीम का गठन किया जाए।
कार्रवाई नहीं हुई तो होगा बड़ा आंदोलन..
समाज ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो पूरे राजपूत समाज के कार्यकर्ता एवं पीड़ित परिवार लोकतांत्रिक और संवैधानिक दायरे में व्यापक विरोध एवं सत्याग्रह करने के लिए बाध्य होंगे। इस आंदोलन की तिथि 7 दिसंबर रायपुर में तय की गई है, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। ज्ञापन सौंपने वालों में किशोर सिंह, अनसिंह, जयन सिंह परिबर, सिंह योगेश सिंह और भारतेंद्र सिंह सहित समस्त क्षत्रिय समाज छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि शामिल हैं।

