आरएसएस की 100 साल की यात्रा में, काशीनाथ गोरे जैसे साधारण स्वयंसेवकों ने राष्ट्र को बढ़ाया : डॉ. मोहन भागवत..

बिलासपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पूर्व विभाग संघचालक स्वर्गीय काशीनाथ गोरे के जीवन पर आधारित स्मारिका का विमोचन शनिवार को बिलासपुर में हुआ।

इस अवसर पर आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि काशीनाथ गोरे जैसे रत्नदीपों के शुद्ध और सात्विक प्रेम से ही संघ ने अपनी 100 साल की यात्रा पूरी की है। उन्होंने कहा कि संघ में सबसे महत्वपूर्ण एक साधारण स्वयंसेवक होता है, जिसका जीवन शाखा के एक घंटे के अलावा बाकी 23 घंटे समाज के लिए उपयोगी होता है।

स्वयंसेवक का जीवन ही संघ का सच्चा रूप..

डॉ. भागवत ने काशीनाथ गोरे को याद करते हुए कहा कि जब भी मैं बिलासपुर आता था, उनकी उपस्थिति हमेशा रहती थी। उनका व्यक्तित्व इतना आकर्षक था कि एक बार मिलने वाला हर व्यक्ति उनसे आत्मीयता महसूस करता था। उन्होंने कहा कि गोरे जी यश की परवाह किए बिना समाज के लिए निस्वार्थ भाव से काम करते थे। उनका जीवन सर्वे भवन्तु सुखिनः के दर्शन को दर्शाता था, जहाँ परिवार को सुखी रखने के साथ-साथ समाज को भी संस्कारित करने का संतुलन था। उन्होंने तानाजी का उदाहरण देते हुए कहा कि कुल का हित समाज के लिए और समाज का हित राष्ट्र के लिए होना चाहिए।

अंधकार में दीप जैसा होना पड़ता है.

डॉ. भागवत ने कहा कि काशीनाथ जी को कोई पद मिला हो या नहीं, लेकिन उन्होंने हमेशा समाज के लिए उपयोगी काम किए। उन्होंने सूर्य जैसे प्रखर व्यक्तित्व के बजाय अंधेरे में जलने वाले दीपक जैसे व्यक्तित्व की जरूरत पर जोर दिया, क्योंकि उसकी जरूरत अधिक होती है। उन्होंने कहा कि काशीनाथ जी जैसे सद्पुरुषों ने शांत तपस्या की है, और संघ की 100 साल की यात्रा में हम ऐसे ही लोगों को याद कर रहे हैं। उनकी कीर्ति आज भी है और हम नई पीढ़ी तक उनके कृतित्व को पहुंचाएंगे, जिससे समाज का पुरुषार्थ जागे।

राष्ट्र के लिए समर्पित था जीवन..

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि काशीनाथ गोरे ने अपना हर पल राष्ट्र के लिए समर्पित किया। उन्होंने एक स्वयंसेवक, गृहस्थ और सरकारी कर्मचारी के रूप में हर भूमिका में एक आदर्श स्थापित किया। उनके परिवार ने भी राष्ट्र सेवा की परंपरा को जारी रखा है। डॉ. सिंह ने बताया कि काशीनाथ जी ने ही उनके जीवन में समाज के प्रति जिम्मेदारी का भाव जगाया, जिसने उनके जीवन को एक नई दिशा दी।

इस मौके पर आरएसएस के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। स्मारिका विमोचन समिति के अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।