बिलासपुर, 27 जुलाई: बिलासपुर हाईकोर्ट ने अपने आदेश का पालन न करने पर डीआईजी प्रशासन पारुल माथुर और जांजगीर चांपा के पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पांडेय को अवमानना नोटिस जारी किया है. यह नोटिस पामगढ़ निवासी विक्की भारती की ओर से दायर अवमानना याचिका के बाद दिया गया है. दरअसल, विक्की भारती के पिता की मृत्यु के बाद उन्हें अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गई थी, जबकि कोर्ट ने 90 दिन में नियुक्ति देने का आदेश दिया था.
क्या है पूरा मामला?
याचिकाकर्ता विक्की भारती ने पुलिस विभाग में कार्यरत अपने पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति मांगी थी. पुलिस विभाग द्वारा नियुक्ति नहीं दिए जाने पर उन्होंने अपने वकील अभिषेक पांडेय और प्रिया अग्रवाल के जरिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई. वकीलों ने कोर्ट को बताया कि विक्की भारती के पिता की मृत्यु के बाद सरकार ने उनका अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश रद्द कर दिया था, जिससे विक्की भारती अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र हो गए थे. हाईकोर्ट ने तब स्पष्ट निर्देश दिए थे कि आदेश पारित होने के 90 दिनों के भीतर नियुक्ति दी जाए, लेकिन पुलिस विभाग ने ऐसा नहीं किया. इससे निराश होकर विक्की भारती ने अवमानना याचिका दायर की.
वरिष्ठ IPS अधिकारियों पर गंभीर टिप्पणी,कोर्ट का बहुमूल्य समय प्रभावित..
वकीलों ने कोर्ट में यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों द्वारा लगातार कोर्ट के आदेशों की अनदेखी की जा रही है. उन्होंने बताया कि जुलाई 2025 तक हाईकोर्ट में 1,149 अवमानना याचिकाएं दर्ज हो चुकी हैं, जिससे कोर्ट का कीमती समय बर्बाद हो रहा है. याचिका में न्यायालय अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 12 का जिक्र करते हुए मांग की गई है कि इस अधिनियम के तहत 6 माह का कारावास या 2,000 रुपये जुर्माना या दोनों सजाओं का प्रावधान है. याचिकाकर्ताओं ने इन दोनों अधिकारियों को कड़ी सजा देने की मांग की है.
हाईकोर्ट ने माना मामला गंभीर, सख्त कार्रवाई की चेतावनी..
हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीर माना है. कोर्ट ने डीआईजी प्रशासन पारुल माथुर और जांजगीर एसपी विजय पांडेय को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर समय पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जा सकती है. यह देखना दिलचस्प होगा कि अब इस मामले में पुलिस विभाग का क्या रुख रहता है.

