Guru Ghasidas Ji is a symbol of peace, harmony and purity: Swami Paramatmanand..
गौरेला पेंड्रा मरवाही,18 दिसंबर 2024। गुरु घासीदास जयंती के पावन अवसर पर परम शांति धाम आश्रम, गोरखपुर में एक विशेष समारोह आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में आश्रम के छात्र-छात्राएं एवं विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता सम्मिलित हुए।
समारोह का शुभारंभ गुरु घासीदास जी की प्रतिमा की पूजा-अर्चना और पुष्पांजलि अर्पित करके किया गया। इस अवसर पर स्वामी परमात्मानंद जी ने गुरु घासीदास जी के जीवन और शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, “समाज को एकता के सूत्र में पिरोने वाले गुरु घासीदास जी शांति, समरसता और सात्विकता के प्रतीक हैं।”
कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष हर्ष छाबरिया, जिला सह मंत्री प्रकाश साहू, बजरंग दल जिला संयोजक सागर पटेल सहित अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित थे। साथ ही, आश्रम के छात्र-छात्राएं और स्टाफ ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया।
गुरु घासीदास जी का जन्म 18 दिसंबर 1756 को छत्तीसगढ़ के गिरौदपुरी में हुआ था। उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई और सत्य, अहिंसा तथा समानता का संदेश दिया। उनकी शिक्षाएं आज भी समाज में प्रासंगिक हैं और मानवता को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।
समारोह के दौरान, वक्ताओं ने गुरु घासीदास जी की शिक्षाओं को आत्मसात करने और समाज में शांति एवं समरसता स्थापित करने के लिए उनके आदर्शों का पालन करने का आह्वान किया। छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिसमें गुरु घासीदास जी के जीवन से संबंधित गीत और नृत्य शामिल थे।
कार्यक्रम के अंत में, सभी उपस्थित लोगों ने सामूहिक प्रार्थना की और समाज में भाईचारा एवं एकता बनाए रखने का संकल्प लिया। इस अवसर पर प्रसाद वितरण भी किया गया, जिससे उपस्थित जनों ने गुरु घासीदास जी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।

