Governor took action on corruption in Atal Bihari Vajpayee University, NSUI’s efforts bore fruit..
बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय में लंबे समय से चल रहे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आखिरकार राज्यपाल ने सख्त रुख अपनाया है। एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह की शिकायत और प्रयासों के बाद विश्वविद्यालय में स्थायी कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर कदम उठाए गए हैं।
रंजेश सिंह ने राज्यपाल को एक विस्तृत पत्र लिखकर विश्वविद्यालय में नियुक्तियों में हो रही अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की ओर ध्यान दिलाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि तत्कालीन कुलपति एडीएन वाजपेई और प्रभारी कुलसचिव शैलेंद्र दुबे की मिलीभगत से विश्वविद्यालय में घोटालों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उनका कहना था कि कुलपति को कुलसचिव नियुक्त करने का अधिकार नहीं है, फिर भी पद का दुरुपयोग कर यह नियुक्ति की गई।
रंजेश ने अपनी शिकायत में स्थायी कुलसचिव की गैरमौजूदगी को विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार की मुख्य वजह बताया। उन्होंने मांग की थी कि विश्वविद्यालय की प्रशासनिक प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
राज्यपाल ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को निर्देश दिया है कि स्थायी कुलसचिव की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। इस फैसले से छात्रों और एनएसयूआई के नेताओं में उत्साह है। एनएसयूआई ने इसे छात्रहित की बड़ी जीत बताया है और राज्यपाल का आभार व्यक्त किया है।
एनएसयूआई का कहना है कि यह कदम विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितताओं को खत्म करने में मील का पत्थर साबित होगा। छात्रों को उम्मीद है कि इस फैसले से न केवल भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी, बल्कि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और प्रशासनिक प्रक्रियाएं भी सुधरेंगी।

