रायपुर। छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु वनभैंसा (Wild Buffalo) के संरक्षण की कोशिशें रंग ला रही हैं। पिछले एक साल में इनकी संख्या 6 से बढ़कर 10 हो गई है। वन मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि विशेषज्ञों की निगरानी में किए जा रहे संरक्षण और संवर्धन प्रयासों के कारण इनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

यह है पूरी जानकारी..
कहां हुआ इजाफा ?
यह वृद्धि बारनवापारा अभयारण्य के कोठारी वनपरिक्षेत्र में बने 10 हेक्टेयर के बाड़े में हुई है। यहीं पर वन भैंसों को रखा गया है।
कब और कहां से आए थे वनभैंसा ?
2017 में राज्य वन्यजीव बोर्ड से अनुमति मिलने के बाद असम के मानस टाइगर रिजर्व से एक नर और पांच मादा वनभैंसा लाए गए थे।
कैसे बढ़ी संख्या ?
वन भैंसा संरक्षण और संवर्धन केंद्र खैरछापर में 2024 में पांच शावकों का जन्म हुआ था। इनमें से एक शावक की मृत्यु हो गई, लेकिन बाकि चार शावकों के साथ वनभैंसों की कुल संख्या 10 हो गई है।
वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि असम से लाए जाने के बाद बारनवापारा अभयारण्य का क्षेत्र इन वनभैंसों के लिए अनुकूल बनाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही बाघों को मध्यप्रदेश से लाकर अचानकमार और सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा।

