बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) में वन्य प्राणियों को देखने और सैर-सपाटे का इंतजार खत्म होने वाला है। 1 नवंबर से एटीआर प्रबंधन पर्यटकों को जंगल घूमने की अनुमति देगा। इस बार प्रबंधन ने सैर-सपाटे को किफायती रखने के साथ-साथ सुविधाओं में भी इजाफा किया है। जानकारी के अनुसार, एटीआर की सैर दूसरे टाइगर रिजर्व की तुलना में सस्ती होगी, जिससे नेचर लवर्स की संख्या में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

जिप्सी और रूम बुकिंग का नया रेट..
एटीआर प्रबंधन ने पर्यटकों के लिए सैर-सपाटे की पूरी तैयारी कर ली है। वन्य प्राणियों के दीदार के लिए इस बार एक जिप्सी किराए पर लेने के लिए पर्यटकों को 3500 रुपए का भुगतान करना होगा। इसी तरह, टाइगर रिजर्व के अंदर बने रिसॉर्ट में एक कमरा बुक करने के लिए भी पर्यटकों को 3500 रुपए खर्च करने होंगे।
AC, LED और होटल जैसी सुविधा..
प्रबंधन ने इस बार पर्यटकों को जंगल में भी होटल जैसा अनुभव देने की तैयारी की है। बैगा रिसॉर्ट में उपलब्ध 24 कमरों का रंग-रोगन कर उन्हें अच्छी हालत में लाया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बार रिसॉर्ट के हर कमरे में एसी और एलईडी की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे पर्यटकों को रुकने में कोई परेशानी न हो। वर्तमान में रिजर्व में 7 जिप्सी उपलब्ध हैं, जो पर्यटकों को कोर एरिया के अंदरूनी हिस्सों में ले जाकर वन्य प्राणियों की चहलकदमी दिखाएंगी।
मैकल पर्वत की गोद में वन्यजीवों का संसार..
मैकल पर्वत की गोद में फैला अचानकमार टाइगर रिजर्व खतरनाक वन्य प्राणियों का बसेरा है। इसके कोर और बफर एरिया में टाइगर, तेंदुआ, भालू, सोनकुत्ता और बाइसन जैसे वन्य प्राणी विचरण करते हैं। इसके अलावा, यहां चीतल, बारहसिंघा, सांभर और मोर भी बहुतायत में पाए जाते हैं। अफसरों के मुताबिक, एटीआर में 400 से अधिक प्रकार के पक्षियों का भी बसेरा है, जो पक्षी प्रेमियों के लिए एक बड़ा आकर्षण है। प्रबंधन को उम्मीद है कि बढ़ी हुई सुविधाओं और किफायती दरों के कारण इस बार पर्यटकों की संख्या में और ज्यादा इज़ाफा होगा।


