गरबा आयोजकों की दोहरी लूट : तोड़ रहे कोलाहल कानून , 4999 रुपये में टिकट बेच मनोरंजन टैक्स भी हजम !

बिलासपुर। शहर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में चल रहे नवरात्रि गरबा आयोजन के आयोजक डबल क्राइम कर रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ देर रात 1 बजे तक तेज आवाज में अश्लील फिल्मी गाने बजाकर कोलाहल अधिनियम और धार्मिक भावनाओं का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन किया, बल्कि महंगे टिकट (₹1699 से ₹4999) बेचकर भी सरकार को मनोरंजन शुल्क (Entertainment Tax) का चूना लगाया है।

रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर बजाना पूरी तरह प्रतिबंधित है, फिर भी प्रशासन की नाक के नीचे रात भर शोर मचाया गया जा रहा है। ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ यह वित्तीय अनियमितता भी है, जिससे आयोजकों की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों का पर्दाफाश हुआ है।

5 साल की जेल या ₹1 लाख जुर्माना! क्या है नियम?

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आयोजकों ने कानून की तीन धाराओं का स्पष्ट उल्लंघन किया है:

ध्वनि प्रदूषण का उल्लंघन (Noise Pollution Rules, 2000): रात 10 बजे के बाद तेज आवाज में संगीत बजाना स्पष्ट उल्लंघन है। इस नियम के तहत आयोजकों पर ₹1 लाख तक का जुर्माना या 5 साल तक का कारावास हो सकता है। नवरात्रि में भी अधिकतम रात 12 बजे तक ही अनुमति दी जा सकती है।

अश्लील गानों का प्रसार (IPC धारा 294): सार्वजनिक आयोजन में ‘अश्लील’ गाने बजाना दंडनीय अपराध है। इसके लिए 3 माह तक का कारावास हो सकता है, खासकर जब इससे स्थानीय लोगों को असुविधा हुई हो।

धार्मिक भावनाओं को आहत करना (IPC धारा 295A): धार्मिक पर्व पर पारंपरिक धुनों की जगह अश्लील गानों का इस्तेमाल, यदि पवित्रता भंग करने के इरादे से किया गया हो, तो 3 साल तक की जेल हो सकती है।

टैक्स चोरी का बड़ा खेल : प्रशासन पर लापरवाही का आरोप..

सबसे गंभीर मामला मनोरंजन शुल्क की चोरी का है। जब आयोजक टिकटों के जरिए लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं, तो उन पर राज्य सरकार को नियमानुसार मनोरंजन टैक्स जमा करना अनिवार्य है।

स्थानीय निवासियों और जागरूक नागरिकों ने सवाल उठाया है कि 1699, 2699,₹ 4999 जैसी महंगी टिकटें बेचने के बावजूद आयोजक सरकारी राजस्व को क्यों हजम कर रहे हैं?

स्थानीय निवासियों एवं जागरूक नागरिकों ने कहा कि ऐसा लगता है, नियम-कानून सिर्फ आम लोगों के लिए हैं, बड़े आयोजनों के लिए तो ‘VIP डिस्काउंट’ मिलता है। प्रशासन को चाहिए कि सिर्फ कोलाहल अधिनियम के तहत ही नहीं, बल्कि वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में भी सख्त कार्रवाई करे और टैक्स चोरी की पूरी जांच करे।

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