‘Fake’ rule of land mafia: Grabbed land by stealing signature of widow, ‘other’ woman even in demarcation !
बिलासपुर। शहर में भू-माफियाओं के कारनामे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला तोरवा थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां एक विधवा महिला ने कुख्यात भू-माफिया नरेंद्र मोटवानी और उसके तीन भाइयों पर उसकी जमीन को धोखे से हड़पने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। पीड़ित महिला मीना मोटवानी ने तोरवा थाने में अपनी आपबीती सुनाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने बताया कि भू-माफिया और उसके गिरोह ने तहसील कार्यालय में उनके फर्जी हस्ताक्षर कर न केवल सीमांकन का आवेदन प्रस्तुत किया, बल्कि उनकी जगह किसी और महिला को खड़ा कर पूरी साजिश को अंजाम दिया। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों के खिलाफ धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
मीना मोटवानी ने पुलिस को बताया कि तोरवा पेंडलवार नर्सिंग होम के पास स्थित उनकी पुश्तैनी जमीन (खसरा नंबर 445, रकबा 0.0360 हेक्टेयर) को हड़पने के लिए डूलाराम मोटवानी, नरेंद्र मोटवानी, महेंद्र मोटवानी और राजेंद्र मोटवानी ने मिलकर जालसाजी की। पीड़िता के अनुसार, उनके पति रामचंद गंगवानी की मृत्यु के बाद उन्हें यह जमीन विरासत में मिली थी। उनके पति के जीवनकाल से ही अशोक उबरानी नामक व्यक्ति से जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद चल रहा था। इसी बीच, अशोक उबरानी ने अपनी जमीन की देखरेख और कानूनी कार्रवाई के लिए डूलाराम मोटवानी को मुख्तियार नियुक्त किया था,और तब से डूलाराम उनके खिलाफ ही कार्रवाई कर रहा था।
मीना ने बताया कि उनके पति ने अपनी जमीन की सीमा पर बाउंड्री बनवाई थी, जिसे डूलाराम मोटवानी ने अपनी जमीन बताकर तोड़ दिया। इसके बाद, सीमांकन संबंधी विवाद होने पर डूलाराम ने उनके फर्जी हस्ताक्षर कर तहसील कार्यालय में आवेदन और शपथ पत्र प्रस्तुत किया। चौंकाने वाली बात यह है कि सीमांकन के दौरान तहसील कार्यालय में उनकी जगह किसी अन्य महिला को खड़ा कर आर्डर शीट पर हस्ताक्षर करवाया गया। इसी फर्जी सीमांकन रिपोर्ट के आधार पर डूलाराम मोटवानी ने अतिरिक्त तहसीलदार के न्यायालय में उनके बेटे के खिलाफ कब्जा दिलवाने का आवेदन भी दे दिया। हद तो तब हो गई जब डूलाराम और उसके भाई उनकी बनाई बाउंड्री वॉल को तोड़ने लगे, जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ। तहसील कार्यालय में पता करने पर उन्हें फर्जीवाड़े का पता चला, जिसके बाद उन्होंने एसपी से शिकायत की और अब पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
पुलिस का ढुलमुल रवैया, भू-माफिया बेखौफ!
तोरवा थाना प्रभारी का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया गया है, लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पुलिस आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। हालांकि, पुलिस जल्द ही आरोपियों को पकड़ने का दावा कर रही है। वहीं, यह भी सामने आया है कि कुख्यात भू-माफिया नरेंद्र मोटवानी के खिलाफ पहले से ही कई गंभीर मामले दर्ज हैं, जिनमें कोतवाली थाने में अपहरण और मारपीट का मामला और कोटा थाने में 420 का मामला शामिल है। इसके अलावा, उसकी कई शिकायतें लंबित हैं, जिनकी जांच जारी है।
स्थानीय लोग बताते हैं कि नरेंद्र मोटवानी गुंडे-बदमाशों और जिला बदर के आरोपियों को साथ रखकर जमीनों पर कब्जा करने का कुत्सित धंधा चलाता है। वह गरीबों को डरा-धमकाकर और पैसों का लालच देकर उनकी जमीनों पर कब्जा करने की फिराक में रहता है। पहले भी जमीन कब्जाने के मामले में जेल की हवा खा चुका यह शातिर अपराधी सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।
सूत्रों की मानें तो इस बड़े फर्जीवाड़े में तहसीलदार, पटवारी और आरआई जैसे सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत भी हो सकती है, जिसके बिना इतना बड़ा खेल संभव नहीं था।
पीड़ित महिला मीना मोटवानी ने मांग की है कि इस पूरे मामले की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार न हो।

