Factory owner’s brutality, pulled out workers’ nails and gave them electric shocks on suspicion of theft..
कोरबा। कोरबा जिले में एक आइसक्रीम फैक्ट्री के मालिक की क्रूरता की हदें पार हो गईं। मामूली चोरी के शक में मालिक और उसके साथी ने दो गरीब मजदूरों को ऐसी भयानक यातनाएं दीं, जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं।
आरोपियों ने न सिर्फ श्रमिकों के नाखून उखाड़ दिए, बल्कि उन्हें बिजली के झटके भी दिए। इस सनसनीखेज वारदात के चार दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं, जिससे पीड़ितों में इंसाफ की उम्मीद धूमिल होती जा रही है।
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के रहने वाले अभिषेक भांबी और विनोद भांबी, ठेकेदार के जरिए खपराभट्टी इलाके में छोटू गुर्जर की आइसक्रीम फैक्ट्री में काम करने आए थे। उन्हें क्या पता था कि पेट भरने की खातिर यहां उन्हें ऐसी अमानवीय पीड़ा सहनी पड़ेगी।
पुलिस के मुताबिक, 14 अप्रैल को फैक्ट्री मालिक छोटू गुर्जर और उसके गुर्गे मुकेश शर्मा ने दोनों मजदूरों पर चोरी का इल्जाम लगाया। इसके बाद जो हुआ, वह इंसानियत को शर्मसार करने वाला है।
आरोपियों ने दोनों मजदूरों के कपड़े उतरवा दिए। फिर उन्हें बेरहमी से पीटा गया और बिजली के झटके दिए गए। इतना ही नहीं, दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए उनके नाखून तक उखाड़ दिए गए। इस अत्याचार का एक वीडियो भी वायरल हो गया है, जिसमें एक अर्धनग्न व्यक्ति को बिजली के झटके देते और बेरहमी से पीटते हुए साफ देखा जा सकता है।
पीड़ितों की किस्मत अच्छी रही कि वे किसी तरह आरोपियों के चंगुल से छूटकर भाग निकले और अपने पैतृक गांव भीलवाड़ा पहुंचे। वहां उन्होंने गुलाबपुरा पुलिस थाने में आपबीती सुनाई और शिकायत दर्ज कराई।
राजस्थान पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए ‘जीरो’ एफआईआर दर्ज कर मामले को आगे की कार्रवाई के लिए कोरबा पुलिस को भेज दिया।
लेकिन हैरानी की बात यह है कि घटना की जानकारी मिलने के बाद शुक्रवार को कोरबा के सिविल लाइंस थाने में मामला तो दर्ज कर लिया गया, लेकिन शनिवार तक भी किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
पीड़ितों में से एक अभिषेक भांबी ने बताया कि जब उसने अपने वाहन की किस्त भरने के लिए मालिक से 20 हजार रुपये की एडवांस मांगा और मालिक ने इनकार कर दिया, तो उसने नौकरी छोड़ने की इच्छा जताई थी। इसी बात से नाराज होकर आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया।
सिविल लाइंस थाना प्रभारी प्रमोद डडसेना का रटा-रटाया जवाब है, ‘‘मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है तथा मामले की जांच जारी है।’’ लेकिन सवाल यह उठता है कि वायरल वीडियो और पीड़ितों की दर्दनाक आपबीती के बावजूद पुलिस आरोपियों को पकड़ने में इतनी सुस्त क्यों है? क्या रसूखदार फैक्ट्री मालिक के आगे पुलिस नतमस्तक हो गई है? पीड़ितों को इंसाफ कब मिलेगा, यह एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब कोरबा पुलिस को जल्द देना होगा।

