Existence of mountains in danger due to illegal excavation in Bankighat: Villagers accuse administration of collusion..
बिलासपुर। ग्राम पंचायत कलारतराई के बांकीघाट में लगातार हो रहे पत्थर और मुरुम के अवैध उत्खनन को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन और खनिज विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बिलासपुर प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ग्रामीणों और समाजसेवी दिलीप अग्रवाल ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो क्षेत्र के पहाड़ों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है कि खनिज विभाग ने पहाड़ से पत्थर उत्खनन के लिए लीज की अनुमति कैसे दी, यह समझ से परे है। यह विभाग और क्रेशर मालिकों की मिलीभगत का जीता-जागता उदाहरण है। सरपंच द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। ग्रामीणों ने गोयल क्रेशर और महावीर कोलवाशरी के खिलाफ जांच की मांग की, जो रेलवे साइडिंग के लिए हजारों ट्रिप मुरुम और पत्थर ले जा रहे हैं।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बांकीघाट में राजस्व विभाग, वन विभाग, और जल संसाधन विभाग की जमीन पर अवैध उत्खनन किया जा रहा है। इस उत्खनन के लिए ग्राम पंचायत से कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है।
ग्रामीणों ने मांग की है कि गोयल क्रेशर और महावीर कोलवाशरी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने
अवैध उत्खनन में इस्तेमाल किए गए मुरुम और पत्थरों को जब्त करने पहाड़ों को नष्ट होने से बचाने के लिए कठोर कदम उठाए जाने की मांग की है।
प्रशासन पर गंभीर आरोप..
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ग्रामीणों ने कहा कि खनिज विभाग और क्रेशर मालिकों की मिलीभगत के कारण राजस्व की करोड़ों रुपये की हानि हो रही है। उनका आरोप है कि अधिकारियों की चुप्पी इस अवैध उत्खनन को प्रोत्साहन दे रही है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे एनजीटी और उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने इस मामले में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से हस्तक्षेप की अपील की है।

