चांपा । देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर भारतीय कुष्ठ निवारक संघ गौशाला, कात्रेनगर (चांपा) में भक्ति और सेवा भावना से ओतप्रोत गौ पूजन कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, ग्रामीणजन तथा आश्रम से जुड़े कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण और वेदिक मंत्रोच्चार के साथ हुई। इसके उपरांत गौमाता की विधिवत पूजा-अर्चना कर उपस्थित जनों ने गौसेवा, पर्यावरण संरक्षण और ग्राम उत्थान का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि ‘ गाय केवल एक पशु नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा है। जिस समाज में गौसेवा होती है, वहाँ समृद्धि, शांति और सद्भाव का वास होता है।’

देवउठनी एकादशी भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागरण का प्रतीक पर्व है, और इसी दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत मानी जाती है। अतः इस दिन गौ पूजन का विशेष धार्मिक एवं सामाजिक महत्व है।
इस अवसर पर लोमसराम साहू, लक्ष्मी नारायण साहू,घनश्याम तिवारी,दिनेश सिंह चंदेल, ललित देवांगन सहित अनेक सेवाभावी कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने संयुक्त रूप से गौमाता की आरती की और उन्हें चारा, गुड़, पुष्प एवं जल अर्पित कर नमन किया।
गौशाला परिसर में भक्ति और सेवा का अनुपम वातावरण व्याप्त रहा। गौसेवा से जुड़े स्वयंसेवकों ने बताया कि गाय केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि कृषि, पर्यावरण और ग्राम्य अर्थव्यवस्था की भी आधारशिला है। गाय के माध्यम से गाँव आत्मनिर्भर बन सकता है। यही भारतीय कुष्ठ निवारक संघ का मूल संदेश है।

संघ के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि गौशाला में नियमित रूप से चारा वितरण, चिकित्सा एवं संरक्षण संबंधी गतिविधियाँ संचालित की जाती हैं। निकट भविष्य में इन कार्यों के विस्तार और जनजागरूकता हेतु विशेष अभियान चलाने की योजना भी है।
कार्यक्रम का समापन सामूहिक संकल्प के साथ हुआ – गाय है संस्कृति की जड़, गाँव की आत्मा और खेतों की माँ – गौ सेवा ही ग्राम सेवा है।

