रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजनीति में आज सुबह उस वक्त भूचाल आ गया, जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई 3 स्थित घर पर धावा बोल दिया। सुबह-सुबह 6 गाड़ियों में आए ईडी के अफसरों ने बघेल के आवास पर कार्रवाई शुरू की, जिससे हड़कंप मच गया। इस दौरान ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शराब घोटाले के मामले में हिरासत में ले लिया। जैसे ही यह खबर विधानसभा पहुंची, हंगामा मच गया और कार्यवाही के बीच शोरगुल शुरू हो गया।

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को बदले की राजनीति बताया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए अपनी भड़ास निकाली और आरोप लगाया कि जब भी अडानी का मामला उठाया जाता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ईडी की कार्रवाई करवा देते हैं।
बघेल ने साफ कहा कि वह इस दबाव के आगे ना तो टूटेंगे और ना ही झुकेंगे, बल्कि लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि पूरे देश में विपक्षी नेताओं पर ऐसी कार्रवाई की जा रही है।
दूसरी तरफ, भाजपा विधायक रिकेश सेन ने इस कार्रवाई का जमकर बचाव किया है। उन्होंने कहा कि ईडी की टीम किसी के घर यूं ही नहीं जाती। जो आरोपी होता है, ईडी और सीबीआई उसी के घर जाती है।
रिकेश सेन ने भूपेश बघेल से ईडी को सहयोग करने की अपील की। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उमेश पटेल या चरणदास महंत के घर ईडी क्यों नहीं गई, सिर्फ भूपेश बघेल के घर ही क्यों गई? उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि भूपेश बघेल का घोटाले में हाथ है और उनके कर्मों की सजा उनके बेटे के जन्मदिन पर उन्हें मिली है।

फिलहाल, इस कार्रवाई के बाद प्रदेश की राजनीति में जबरदस्त हलचल है। शराब घोटाले को लेकर पहले से ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी था, लेकिन अब भूपेश बघेल के बेटे की गिरफ्तारी से यह मामला और गरमा गया है। विधानसभा में विपक्ष का हंगामा साफ दिखा रहा है कि यह मुद्दा अभी और लंबा खिंचेगा।

