बिलासपुर । तंबाकू और गुटखा के बढ़ते गंभीर परिणामों को देखते हुए बिलासपुर के सिम्स (छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) प्रबंधन ने अब सख्त रुख अपना लिया है। कोटपा एक्ट के तहत तंबाकू की लत छुड़वाने के साथ-साथ सिम्स परिसर को स्वच्छ रखने के लिए भी बड़े कदम उठाए जा रहे हैं।अब पान-गुटखा खाकर अस्पताल भवन में प्रवेश करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। अगर कोई पान-गुटखा खाते हुए पाया गया, तो उस पर 500 रुपये तक का जुर्माना लगेगा।वहीं, यदि किसी को तंबाकू-गुटखा खाकर थूकते हुए पकड़ा गया, तो उसे 1100 रुपये का भारी-भरकम जुर्माना भरना होगा।
सिम्स के डीन डॉ. रमनेश मूर्ति ने बताया सिम्स में काफी बदलाव हो चुके हैं। सालभर के भीतर सिम्स का अस्पताल भवन बदबू रहित हो चुका है। दीवारों पर पान-गुटखा के पिक तक नजर नहीं आते हैं। सफाई भी अच्छे से हो रही है और मरीजों को भी बेहतर इलाज मिलने लगा है।
अब सिम्स की स्वच्छता बनाए रखने के लिए पान-गुटखा खाकर प्रवेश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना लिया गया है। यदि कोई थूकते हुए मिल गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
तंबाकू- गुटखा के गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं और लोग कैंसर के साथ ही कई तरह की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। वहीं राज्य को 2030 तक तंबाकू मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी वजह से कोटपा एक्ट भी लागू किया गया है और सार्वजनिक क्षेत्र में तंबाकू-गुटखा बेचने वालों के साथ इसका सेवन करने वालों के खिलाफ जुर्माने कार्रवाई की जा रही है।
सिम्स प्रबंधन लोगों को जागरूक करने के लिए अस्पताल परिसर में जगह-जगह बैनर-पोस्टर लगवा रहा है।इन पर तंबाकू-गुटखा, बीड़ी, सिगरेट और गुड़ाखू के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी जा रही है, साथ ही इन्हें छोड़ने के फायदों पर भी प्रकाश डाला जा रहा है।इसी के साथ, जुर्माने संबंधी सूचना बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं, ताकि लोग पान-गुटखा खाकर अस्पताल में प्रवेश करने से पहले ही सावधान हो जाएं और जुर्माने से बच सकें।दंत रोग विभाग के डॉ. भूपेंद्र कश्यप ने बताया कि इन उत्पादों के सेवन से गंभीर स्वास्थ्य परिणाम सामने आ रहे हैं, ऐसे में इनका सेवन रोकना बेहद आवश्यक हो गया है।

