बिलासपुर। बिलासपुर के रतनपुर क्षेत्र में दूषित पानी के कारण डायरिया तेजी से फैल रहा है। अब तक 69 मरीज सामने आ चुके हैं जिससे 37 बिस्तरों वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह भर गया है। दो मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है जिन्हें सिम्स रेफर किया गया है।

अस्पताल में बारिश का पानी टपकने और गंदगी के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सब कुछ ठीक होने का दावा कर रहे हैं जबकि पिछले चार दिनों से सिर्फ एक डॉक्टर ड्यूटी पर है और स्टाफ की भारी कमी है।
रतनपुर क्षेत्र के नवागांव कर्रा गिरजाबंद और महामायापारा डायरिया से सबसे अधिक प्रभावित हैं। कुल 69 मरीजों में से 9 का इलाज रतनपुर में और 2 का सिम्स में चल रहा है। 4 जुलाई को दो नए मरीज भर्ती हुए जबकि पिछले चार दिनों में 28 मरीजों को अस्पताल में दाखिल किया गया है। पिछले दो दिनों से रोजाना 10 से 14 मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। अस्पताल प्रशासन के अनुसार ज्यादातर मरीजों को उल्टी दस्त और डिहाइड्रेशन की शिकायत है जिसका समय पर इलाज बहुत जरूरी है।
स्थिति का जायजा लेने 3 जुलाई की रात एसडीएम नितिन तिवारी रतनपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। अस्पताल की अव्यवस्था और गंदगी देखकर वे हैरान रह गए। ड्रेसिंग रूम में बारिश का पानी टपक रहा था जिससे चारों तरफ पानी भर गया था। वहां इलाज तो दूर खड़े होने के लिए भी साफ जगह नहीं थी। अस्पताल परिसर में भी कीचड़ और कचरा फैला मिला जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया था। टॉयलेट में भी गंदगी थी। एसडीएम तिवारी ने अस्पताल प्रबंधन को तुरंत अव्यवस्था दूर करने के निर्देश दिए।
एसडीएम नितिन तिवारी ने अपने साथ मौजूद कोटा बीएमओ को अस्पताल की बदहाली पर कड़ी फटकार लगाई।उन्होंने सवाल किया कि बारिश से पहले मरम्मत क्यों नहीं कराई गई। उन्होंने अस्पताल की सफाई और स्टाफ की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए। एसडीएम ने साफ कहा कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह स्थिति स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता को दर्शाती है जबकि जलजनित बीमारियों का संक्रमण लगातार फैल रहा है और मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।

